Tuesday 17 July 2012

यूपी के मंत्री ने कहा, बच्चों की पिटाई जरूरी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के एक मंत्री महोदय ने कहा है कि बच्चों की पिटाई होना बहुत जरूरी है, नहीं तो वे उद्दंड हो जाते हैं। पता नहीं किस सदी में जी रहे हैं मंत्री महोदय। उन्हें शायद इस बात का इल्म नहीं है कि चाइल्ड साइकलॉजी से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, यह बात सभी मानते हैं कि बच्चों को मार की नहीं बल्कि प्यार-दुलार की अधिक जरूरत होती है। यदि बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो उसे प्यार से समझा कर पढ़ाई की ओर मोड़ा जा सकता है, लेकिन उसे मारना-पीटना तो दूर किसी भी तरह से प्रताड़ित करना उचित नहीं है। स्कूलों के लिए तो बाकायदा यह नियम-कानून का मामला है। कोई भी शिक्षक स्कूली बच्चे को मार-पीट नहीं सकता। यदि ऐसा करता है तो अभिभावक की शिकायत पर उसके और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ मामला बन सकता है। यूपी के मंत्री राम गोविंद चौधरी के इस बयान पर विवाद होना लाजिमी था, जो हो रहा है। चौधरी ने कहा कि यदि बच्चों की स्कूल में पिटाई न की जाए तो उनका मन पढ़ाई में नहीं लग सकता। बच्चों की पिटाई होना जरूरी है, नहीं तो वे बिगड़ जाते हैं। जब मैं छोटा था तो मेरे शिक्षक भी मुझे बहुत पीटते थे। पिटाई से बच्चे अनुशासित रहते हैं, नहीं तो उनमें उद्दंडता आ जाती है। शुक्र है मंत्री जी ने सिर्फ बयान भर दिया है, यदि उनका वश चलता तो वे इसे कानून ही बना डालते। बाल-बाल बच गए यूपी के बच्चे। 

Sunday 1 July 2012

शेट्टर को CM बनाने बागी कैंप ने रखी समयसीमा

कर्नाटक में बगावत पर उतरे बी एस येदियुरप्पा धड़े ने भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व पर दबाव बढ़ाने की गरज से जगदीश शेट्टर को मौजूदा डीवी सदानंद गौड़ा के स्थान पर मुख्यमंत्री बनाने के लिए पांच जुलाई तक का समय दिया है। येदियुरप्पा का समर्थन करने वाले राज्य से लोकसभा के सदस्य, विधायक और पार्षद रविवार को शेट्टर के आवास पर जमा हुए और शक्ति प्रदर्शन के तौर पर उनके प्रति अपना समर्थन दोहराया। इससे एक दिन पहले भाजपा के दूत धर्मेन्द्र प्रधान ने संकट को हल करने के लिए विरोधी गुटों से विचार विमर्श किया। संकट के चलते पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के प्रति आस्थावान नौ मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। इस समूह की तरफ से बोलते हुए नौ मंत्रियों में से एक राजू गौड़ा ने कहा कि हमने सर्वसम्मति से शेट्टर को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में आलाकमान से अपील करने का फैसला किया। उन्होंने दावा किया कि 55 से ज्यादा विधायकों, 15 पार्षदों और आठ सांसदों ने आज की बैठक में हिस्सा लिया। 

www.dainikindiadarpan.com    Hindi News Paper   ||  www.DiDtv.in   News Channel 

Thursday 28 June 2012

यूपी ‌फ‌िर शर्मसारः चार साल की बच्ची से रेप

मानवता को शर्मसार करते हुए बीस साल के एक युवक ने चार साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बना लिया। घटना उस वक्त हुई जब बालिका घर से दुकान पर सामान लेने के लिए गई थी। युवक ने अपने घर की छत पर ले जाकर बालिका को हवस का शिकार बना लिया। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद बालिका की हालत बिगड़ गई। उसे अस्पताल में भरती कराया गया है।

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना गंज थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की है। इस मुहल्ले में एक महिला अपने परिवार के संग रहती है। महिला की चार साल की बेटी बुधवार की रात करीब नौ बजे मुहल्ले में ही स्थित एक दुकान पर सामान लेने गई थी। आरोप है कि मुहल्ले का ही एक युवक उसे बहला फुसलाकर अपने घर की छत पर ले गया, जहां उसको हवस का शिकार बना लिया। बताया जाता है कि युवक घर में अकेला था।

घटना के बाद बालिका की हालत बिगड़ गई तो युवक के हाथ पांव फूल गए। इस बीच परिजनों ने बेटी की तलाश शुरू की तो पता चला कि बालिका के साथ इस तरह की घटना हुई है। मामले की जानकारी गंज पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस भी एक्टिव हो गई। पुलिस ने बालिका को जिला महिला अस्पताल में भरती कराया है। बालिका की मां की ओर से मुहल्ले के युवक सोनू के खिलाफ बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। घटना की जानकारी पाकर एसपी डा.प्रीतिंदर सिंह ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया।

Sunday 24 June 2012

संघ ने नीतीश पर साधा निशाना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग भाजपा को अलग-थलग करने और संघ को बचाव की मुद्रा में लाने का विश्वासघाती प्रयास है। भाजपा को 2014 के अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की सलाह देते हुए कहा गया कि उसे सेकुलर व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की नीतीश की भ्रामक बात पर ध्यान दिए बिना मोदी जैसे नेता और विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित रखते हुए किसी भी कीमत पर इसे धमनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता की अराजक बहस में नहीं बदलने देना चाहिए। संघ के अंग्रेजी और हिंदी के मुखपत्रों आर्गेनाइजम्र तथा पांचजन्य के ताजम अंकों में पार्टी को यह हिदायत दी गई। आर्गेनाइजम्र में कहा गया है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में अगर ऐसे सहयोगी (जदयू) अलग होना चाहते हैं तो भाजपा को अपने बूते पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे में कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अगर होता है तो भी आत्मा खोने से बेहतर है चुनाव में अस्थाई हार का सामना करना। इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे 2014 के चुनाव पास आते जाएंगे, कांग्रेस और अन्य दलों का मोदी विरोधी अभियान तेज होता जाएगा। इससे विचलित नहीं होने की भाजपा को सलाह देते हुए कहा गया है कि मोदी को निशाना बनाने से हिंदू वोट भाजपा के पक्ष में संगठित होगा और इस वोट को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा को अलग से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा। लेख में भाजपा को भरोसा दिलाया गया है कि मोदी को निशाना बनाने से संप्रग के कथित कुशासन से पार्टी का प्रचार पटरी से नहीं उतरने पाएगा। इसमें कहा गया है कि भाजपा प्रचार के केंद्र में नरेंद्र मोदी जैसे नेता के आ जाने से चुनाव अभियान अपने आप विकास और भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर केंद्रित हो जाएगा। इसमें कहा गया है कि मोदी के नाम पर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल अगर चुनाव प्रचार का साम्प्रदायिकरण करना चाहेंगे तो इससे भाजपा को लाभ ही मिलेगा। आर्गेनाइजम्र के लेख में भाजपा से सवाल किया गया है कि चुनाव में क्या मुसलमानों को लुभाने के लिए उसे किसी नरम छवि वाले नेता को पेश करने की आवश्यकता है अपने सवाल का खुद ही जवाब देते हुए इसमें कहा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता की यह मुस्लिम केंद्रित मांग न सिर्फ दोषपूर्ण है बल्कि भाजपा को अलग-थलग करने और संघ को रक्षात्मक स्थिति में लाने का विश्वासघाती प्रयास है। इसमें कहा गया है कि अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश किए जाने के समय भी देश के किसी भी चुनाव क्षेत्र में मुसलमानों ने भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं किया था। इसलिए मुसलमानों में भाजपा की स्वीकार्यता बनाने के नाम पर प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के बजाए किसी उदार चेहरे को उतारने के तर्क के कतई स्वीकार नहीं किया जाए। उधर, संघ के हिंदी मुखपत्र पांचजन्य के संपादकीय में प्रश्न किया गया है कि देश का प्रधानमंत्री सेकुलर हो, यह कहने का अर्थ क्या है...वोट की राजनीति ने हमारे समाज को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक, सांप्रदायिक और सेकुलर आदि में विभाजित करके देश को जो नुकसान पंहुचाया है, उसे अब और भी गहराने की साजिश हो रही है। संपादकीय में सवाल किया गया है कि देश के बहुसंख्यक हिंदुओं के हितों की चिंता करने वाली सरकार और प्रधानमंत्री क्यों नहीं होना चाहिए।

डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित किया

हरियाणा में मानेसर के समीप एक गांव में बचावकर्मियों ने 70 फुट गहरे बोरवेल से चार साल की बच्ची माही को मृत दशा में रविवार को बाहर निकाला। वह चार दिन पहले बोरवेल में गिर गयी थी। गुड़गांव के जिलाधिकारी पी सी मीणा ने कहा कि माही को बोरवेल से निकाल लिया गया है, लेकिन वह मृत थी। कल देर रात बचावकर्ताओं ने इस बोरवेल में 20 जून से फंसी माही तक पहुंचने के लिए अपने प्रयास के तहत चटटान में भी छेद किया था। यह चट्टान एक बहुत बड़ी बाधा थी और बचावकर्मी पिछले तीन दिन से उसे तोड़ने के लिए संघर्षरत थे। मानसेर के समीप खो गांव में माही 20 जून को अपने चौथे जन्म दिन पर दोस्तों के साथ खेल रही थी, उसी दौरान अचानक वह बोरवेल में गिर गयी। सेना, अग्निशमन विभाग, पुलिस, गुड़गांव रैपिड मेट्रोरेल, स्वास्थ्य और राजस्व विभागों के 100 से अधिक अधिकारी इस बोरवेल के समानांतर एक गड्डा खोदकर माही को बचाने में जुटे थे।

Monday 18 June 2012

राष्‍ट्रपति चुनाव : मेनका प्रणब के समर्थन में, बाल ठाकरे कल खोलेंगे पत्‍ते


नई दिल्‍ली. देश के नए राष्ट्रपति की उम्‍मीदवारी को लेकर भाजपा जोर का झटका धीरे से लगा है। एक ओर, जहां भाजपा सांसद मेनका गांधी प्रणब के समर्थन में उतर गई हैं तो दूसरी ओर, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे भी प्रणब के समर्थन में सामने आ सकते हैं। यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को शिवसेना का समर्थन हासिल करने के लिए फोन करके बाल ठाकरे से बात की। माना जा रहा है कि मंगलवार को ठाकरे शिवसेना की वर्षगांठ पर किसी को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं।शिवसेना भवन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति का चुनाव लडऩे के इच्छुक वरिष्ठ राकांपा नेता पी.ए. संगमा ने शिवसेना प्रमुख ठाकरे से मुलाकात का समय मांगा था। पर उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया गया। ठाकरे द्वारा संगमा को मुलाकात का वक्त न दिये जाने के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गई है कि शिवसेना प्रणब मुखर्जी को समर्थन देगी। शिवसेना की ओर से ठाकरे और मुखर्जी के बीच हुई बातचीत का अधिकृत ब्यौरा तो नहीं दिया गया है, परंतु इतना जरूर बताया जा रहा है कि मुखर्जी ने ठाकरे को फोन करके समर्थन देने की अपील की है। 

वहीं, देश के नए राष्‍ट्रपति को लेकर भाजपा सांसद और गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी ने कहा है कि राष्‍ट्रपति का चयन आम सहमति से होना चाहिए। प्रणब मुखर्जी से मिलने के बाद मेनका गांधी ने कहा कि प्रणब अच्‍छे उम्‍मीदवार हैं।

दूसरी ओर, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सोमवार को साफ कर दिया कि वह राष्‍ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे। कलाम को चुनाव में उतरने के लिए बीजेपी के नेताओं ने खूब मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने कलाम से फोन पर बात की लेकिन कलाम नहीं माने। आडवाणी के सलाहकार रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने भी कलाम से दो बार मुलाकात की। लेकिन कलाम के करीबियों ने उन्‍हें सलाह दी कि उनके पक्ष में चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट नहीं हैं, ऐसे में चुनाव से दूर रहना ही बेहतर होगा। कलाम ने बयान जारी कर चुनाव नहीं लड़ने का अपना इरादा जाहिर किया। ममता को शक उधर, तृणमूल कांग्रेस राष्‍ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर चिंतित नहीं है। अब कलाम ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कि तो उम्‍मीद है कि ममता की पार्टी यूपीए और एनडीए से बराबर की दूरी बना सकती है। उधर, अपनी फेसबुक अपील को जोरदार समर्थन मिलने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक ओर गदगद हैं तो दूसरी ओर देश के सियासी हालात पर संदेह भी जताया है। 

ममता ने फेसबुक पर मिल रहे समर्थन के लिए रविवार को एक पोस्ट में लोगों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, देश के लिए इस महान कार्य को इतने कम समय में जबर्दस्त प्रतिक्रिया देने के लिए आप सभी को धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि यह एकजुट आवाज मुद्दे को अगले स्तर तक ले जाएगी। 

हालांकि ममता ने राजनीति में नैतिकता और सिद्धांतों के घटते स्‍तर पर दुख भी जताया है। उन्होंने लिखा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे महान देश में राजनीति संदेहजनक हो गई है और धन, सत्ता और घोटालों के इस्तेमाल से मूल्यों, जनहित के साथ समझौता किया गया है। 

राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि कुछ नेता जनता के सामने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की नकारात्‍मक छवि पेश करने के अभियान में जुट गए हैं। इनका दावा है कि ममता और जयललिता राष्‍ट्रपति चुनाव में एक साथ नहीं खड़ी हो सकती हैं क्‍योंकि 1998 में एनडीए की बैठक में एक बार ममता ने जया के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्‍स के मुकदमों का मसला उठाया था। केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय ने तत्‍कालीन मानव संसाधन राज्‍य मंत्री ममता बनर्जी की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी खोज निकाली है। इसमें ममता ने तत्‍कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से फेरा कानून के उल्‍लंघन का केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। ये नेता इस कोशिश में भी जुटे हैं कि राष्‍ट्रपति चुनाव के अन्‍य उम्‍मीदवारों की रेस में शामिल पीए संगमा और अब्‍दुल कलाम की छवि खराब कर दी जाए।

Sunday 10 June 2012

सरकारी बंगलाः कुछ सचिन से भी सीखिए 'नेता जी'

नई दिल्ली।। महान क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद सचिन तेंडुलकर ने भले ही टैक्स अदा करने वाली जनता को ध्यान में रखते हुए सरकारी बंगला लेने से इनकार कर दिया हो, लेकिन ऐसे भी सांसद और मंत्री हैं जो इससे इत्तफाक नहीं रखते। देश के वित्त राज्यमंत्री का मामला लीजिए। बिशम्बरदास मार्ग पर उन्हें बंगला अलॉट किया गया था, लेकिन उस बंगले समेत कुछ बंगलों को तोड़कर सीपीडब्ल्यूडी ने सांसदों के लिए मल्टिस्टोरी फ्लैट बनाने की योजना तैयार की। मंत्री महोदय के लिए विकल्प के तौर पर नया बंगला बनाया गया और उन्हें सुपुर्द भी कर दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने कई महीने तक यह बंगला खाली नहीं किया, जिसकी वजह से निर्माण कार्य अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया। पिछले महीने मंत्री महोदय ने बंगला खाली किया तो सीपीडब्ल्यूडी ने राहत की सांस ली। कई नेताओं का निधन हो चुका है, बावजूद इसके उनके स्मारक के नाम पर बंगले पर कब्जा बना हुआ है। बंगलों को लेकर नेताओं में ही नहीं बल्कि ब्यूरोक्रेसी में भी खींचतान चलती रहती है। नेता और बंगला प्रेम - यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी नेता मायावती के दिल्ली में 4 सरकारी बंगले हैं - लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के 2 बंगलों पर विवाद सामने आया था। बाद में सरकार ने कहा कि एक बंगला सरकारी स्मारक बना दिया गया है। शबाना का बड़प्पन शबाना आजमी को भी बतौर राज्यसभा सांसद बंगला मिला था। अपने टर्म के आखिरी दिन आजमी बंगला खाली कर संसद सत्र में हिस्सा लेने गई थीं। उनका तर्क था कि जब वह सत्र से लौटेंगी तब सांसद नहीं रहेंगी। सांसदों के बंगले में सुविधाएं एरियाः 4000-7000 स्क्वेयर फुट बेडरूमः कम-से-कम 5 मेंटेंनसः 25 हजार से 30 हजार रुपये महीना फ्री (सालाना): 50 हजार यूनिट बिजली मुफ्त पानीः 40 हजार किलो लीटर फ्री लोकल कॉल्सः 50 हजार

कब्जे का ऐलान...10 हजार समर्थकों के साथ जय गुरु देव के आश्रम पर .....

मथुरा. कुछ दिनों पहले देह त्यागने वाले जय गुरु देव के मथुरा स्थित आश्रम में तनाव है। जय गुरु देव के शिष्य उमाकांत तिवारी आज अपने 10 हजार समर्थकों के साथ आश्रम पर कब्जा करने का ऐलान किया है। आश्रम में संभावित संघर्ष को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन 350 पुलिस वालों को आश्रम में तैनात कर दिया है। वहीं, शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। आश्रम के ट्रस्टी चरण सिंह ने उमाकांत तिवारी की आलोचना की है। जय गुरु देव की 12 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति इस पूरे विवाद की जड़ बताई जा रही है। दिवंगत जयगुरुदेव के ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राम प्रताप सिंह पर ट्रस्ट की संपत्ति के कागजात लूटने का आरोप लगा है। राम प्रताप सिंह पर लूटमार का मामला दर्ज कराया गया है वहीं राम प्रताप का कहना है कि उनपर झूठा आरोप लगाया गया है। बाबा जयगुरुदेव की ट्रस्ट के उत्तराधिकारियों की दौड़ में शामिल पंकज यादव पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। राम प्रताप सिंह ने कहा कि खुद को उत्तराधिकारी बताने वाले पंकज यादव तो ट्रस्ट के सदस्य भी नहीं है।

विकल्पों की सूची में सबसे ऊपर दादा

नई दिल्ली। नए राष्ट्रपति के लिए ज्यादातर संभावनाएं और समीकरण वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नाम पर आकर सिमट जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने में अब तीन दिन ही बचे हैं, लेकिन संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की बंद मुट्ठी के चलते किसी दूसरे नाम के विकल्प अभी भी खुले माने जा रहे हैं। संकेत हैं कि सोनिया 72 घंटों के भीतर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की घोषणा कर सकती हैं। 15 जून के आसपास संप्रग के सभी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का परचा भरवाया जाएगा। पिछले सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चयन का अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया था। तबसे कांग्रेस अध्यक्ष ने सहयोगी दलों से राय-मशविरा तेज कर दिया है। इस कड़ी में सोनिया ने द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि से फोन पर बात की। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की इस बाबत तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर मंत्रणा हो चुकी है। शुक्रवार रात को अहमद पटेल ने नॉर्थ ब्लॉक जाकर प्रणब मुखर्जी से लंबी बातचीत भी की। वहां से लौटने के बाद पटेल सीधे दस जनपथ गए और फिर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ करीब एक घंटे तक उनकी बैठक चली। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया की कोशिश है कि राष्ट्रपति पद के संप्रग के उम्मीदवार के नामांकन के समय गठबंधन के सभी घटकों के प्रमुख नेता मौजूद रहें। वह इस नामांकन को संप्रग की एकजुटता के रूप में पेश करना चाहती हैं। राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर संप्रग से मुहर लगवाने के बाद कांग्रेस के मैनेजर राजग समेत दूसरे विपक्षी दलों के साथ सर्वसम्मति का प्रयास भी करेंगे। कांग्रेस के उच्चपदस्थ सूत्र मान रहे हैं कि मौजूदा हालात में संप्रग और उसके बाहर सबसे ज्याद सहमति प्रणब मुखर्जी के नाम पर ही बन सकती है। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी भी अंदर से भले न चाहती हों, लेकिन प्रणब के नाम का वह विरोध नहीं कर सकतीं। अभी सरकार में प्रणब की अनिवार्यता और दूसरे कुछ विषय उठाकर कांग्रेस में एक ताकतवर खेमा अभी भी उनकी दावेदारी पर सवाल उठा रहा है। इस सियासी असमंजस में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी रायसीना हिल्स पहुंचने की संभावनाएं पूरी तरह खारिज नहीं की जा रही हैं। शनिवार को कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा भी कि अभी राष्ट्रपति के लिए किसी का नाम तय नहीं हुआ है। इस पर चर्चा जारी है।

हीरो बनने को शक्ल और अक्ल जरूरी नहीं

नई दिल्ली। आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में अब तक विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, ऑनर किलिंग, दहेज प्रथा पर चर्चा हो चुकी है। 13 कड़ियों वाले इस शो का छठा एपिसोड इस बार हीरोइज्म यानी हीरो बनने की तमन्ना रखने वाले करोड़ों लोगों को समर्पित होगा। प्रोमो में ही आमिर ने यह साफ कर दिया है कि हीरो बनने के लिए शक्ल और अक्ल की जरूरत नहीं होती। हालाकि यह स्पष्ट नहीं किया कि इसके लिए किस चीज की जरूरत होती है। अब यह तो एपिसोड देखने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। ज्ञात हो कि पिछले एपिसोड में ऑनर किलिंग का मुद्दा उठाने की वजह से आमिर को हरियाणा की खाप पंचायतों का विरोध झेलना पड़ रहा है। खाप पंचायतों ने शो पर प्रतिबंध लगाने की माग की है। पाचवें एपिसोड में आमिर ने जहा ऑनर किलिंग का शिकार हुए प्रेमियों के परिवार वालों से बात की वहीं खाप को भी बोलने का मौका दिया। बातचीत के दौरान आमिर ने आमंत्रित खाप सदस्यों से पूछा था कि आपके बनाए कानून बड़े है या फिर भारत सरकार के, जो हर बालिग को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार देता है। अपने बचाव में खाप सदस्यों ने कहा था कि मीडिया उन्हें गलत तरीके से पेश कर रहा है। शो में हरियाणा की मेहम चौबिसी खाप को आमंत्रित किया गया था। खाप का पक्ष रखते हुए रणबीर सिंह ने कहा था कि इस तरह की शादियों का गलत परिणाम वैज्ञानिक तौर पर भी साबित हो चुका है।

Monday 4 June 2012

कुछ ऐसे अपना वो कर्ज चुका रही हैं सानिया मिर्जा

टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने पेस भूपति के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया। सानिया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उन्होंने शादी भले ही एक पाकिस्तानी से की है, लेकिन उनका दिल आज भी हिंदुस्तानी है। बड़े टूर्नामेंटों में अपने शानदार खेल से सानिया आज भी अपने देश के नमक का कर्ज चुका रही हैं।

विधायक पर गोली बरसाने वाले आरोपी गिरफ्तार

राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में निर्दलीय (इनेलो)विधायक पर हमलावरों ने उनके दफ्तर के बाहर गोलियां बरसाई। आनन फानन में भरत को जनकपुरी के चंदन देवी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विधायक को तीन गोलियां लगी। गोलियों को शरीर से निकाल लिया गया है और डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत अभी खतरे से बाहर है। नजफगढ़ के विधायक भरत सिंह पर हमले के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये सारे आरोपी नजफगढ़ के ही रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक, भरत सिंह पर हमला आपसी रंजिश के चलते किया गया था। इस मामले में आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है।

सार्वजनिक बहस सनसनीखेज बनकर रह गई: पीएम

कोलकाता पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीयों में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि लगता है सार्वजनिक बहस सनसनीखेज बनकर रह गई है। साथ ही पीएम ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि हाल के दिनों में वैचारिक मतभेद रखने वाले हमारे लोगों में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है जो प्रचलित मान्यता के विपरीत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता में सामाजिक सद्भाव को संरक्षित रखने और अलग-अलग विचार, पहचान और सांस्कृतिक मतभेदों को समाहित करके सुलह को बढ़ावा देने की समृद्ध परंपरा है। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय में भारतीय विज्ञान कांग्रेस समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं वैज्ञानिक समुदाय के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे मुखर हों और देश के सामने खड़े मुद्दों पर एक सूचनापरक और तर्कसंगत बहस खड़ी करने में प्रभावी योगदान दें। हमारे वैज्ञानिकों की आवाज महत्वपूर्ण है और उसे सुना जाना चाहिए। उन्होंने विज्ञान को विकास को गति देने के साधन के रूप में इस्तेमाल किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य में विज्ञान पर बोझ बढ़ेगा।

Saturday 19 May 2012

नाराज इटली ने राजदूत वापस बुलाया

रोम। दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आरोप पत्र पेश होने से नाराज इटली ने अपने राजदूत जी एस डी मोंटफोर्ट को वापस बुला लिया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा मोंटफोर्ट को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया है। इटली इन हत्याओं को दुर्घटना मानता है और चाहता है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कानून लागू हो। चूंकि घटना अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में हुई है इसलिए नौसैनिकों के खिलाफ मामला भारत की बजाय इतालवी अदालतों में चलना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, इटली की कार्रवाई हैरान करने वाली है। सलाह मशविरा हमेशा मददगार होता है पर इसके लिए नई दिल्ली से राजदूत को वापस ही बुला लेना ठीक नहीं। मैसिमिलियानो और सल्वातोरे गिरोन नाम के दोनों नौसैनिक इटली के माहवाहक जहाज एनरिक लेक्सी की सुरक्षा में तैनात थे। गत पंद्रह फरवरी को इन्होंने भारतीय मछुआरों को समुद्री लुटेरा समझ कर उनकी नौका पर गोली चला दी थी, जिसमें वी जलास्टीन और अजेश बी की मौत हो गई थी। घटना के वक्त इतालवी पोत भारतीय तट से 20.5 समुद्री मील दूर था। स्थानीय प्रशासन के समक्ष समर्पण करने के बाद ये केरल में गिरफ्तार किए गए थे, और वर्तमान में तिरुवनंतपुरम के केंद्रीय जेल में बंद हैं। केरल पुलिस की विशेष जांच शाखा [एसआइटी] ने शुक्रवार को इनके खिलाफ कोल्लम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में 196 पृष्ठ का आरोप पत्र पेश किया। एसआइटी इससे पहले इस मामले में 60 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है। इसमें घटना से जुड़े 126 दस्तावेज और 46 अन्य तथ्यों [मैटेरियल ऑब्जेक्ट्स] की भी जांच की गई। आरोप पत्र में कहा गया है कि दोनों ने निहत्थे मछुआरों पर गोली चलाई। इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 307 [हत्या का प्रयास], 427 [नुकसान का कारण] और धारा 34 [समान नीयत से काम करने] के तहत आरोप तय किए गए हैं। भारत आए इटली के उप विदेश मंत्री स्टेफन डे मिस्तुरा ने शुक्रवार को कहा कि दोनों भारतीय मछुआरों की हत्या एक दुर्घटना थी। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में घटी इस घटना की सुनवाई का भारतीय अदालत को अधिकार नहीं है। मिस्तुरा दोनों नौसैनिकों से गुरुवार को जेल में मिले थे व लंबी अदालती प्रक्रिया पर भी चिंता जताई थी। 

बाबा जय गुरुदेव का मथुरा में निधन

बाबा जय गुरुदेव का शुक्रवार को यहां निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। दस दिन गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में रहने के बाद उनके शिष्य उन्हें शुक्रवार की शाम उनकी इच्छानुसार मथुरा स्थित आश्रम में लेकर आए थे। आश्रम प्रबंधक संतराम चौधरी ने बताया कि शु्क्रवार की रात नौ बजकर 52 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि बाबा का अंतिम संस्कार आश्रम परिसर में ही किया जाएगा, किन्तु अंतिम संस्कार की विधि एवं तिथि का निर्णय आश्रम की प्रबंधन समिति करेगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को समिति की बैठक आयोजित की गई है, जिसमें सभी सदस्यों की राय के अनुसार आम सहमति बनाकर तय किया जायेगा कि उनका संस्कार कब और किस प्रकार किया जाए।

कार्टून मामला: ममता ने गुस्से में छोड़ा टीवी शो

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री शुक्रवार को उस समय भड़ककर टेलीविजन परिचर्चा से बाहर निकल आईं जब दर्शकों में शामिल कुछ सदस्यों ने उनसे उनका मजाक उड़ाने वाला एक कार्टून भेजने के लिए एक प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बारे में पूछ लिया। जाधवपुर विश्वविद्यालय के एक छात्र ने जब उनसे प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा की गिरफ्तारी के बारे में पूछा तो ममता ने कहा कि यह कार्टून नहीं है। हम कार्टून पसंद करते हैं। कार्टून अलग चीज है। वह माकपा का आदमी है। उसने अपने समाज के लोगों की मर्जी के बिना उनके ई-मेल का दुरुपयोग किया। उसने उसे 60 लोगों को भेजा। उन्होंने दावा किया कि प्रोफेसर एक बौद्धिक नहीं बल्कि ‘माकपा का एजेंट’ है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद माकपा ने हजारों सीडी भेजी थीं, यदि आप महिला हैं और यदि आप उसे देख लें तो आप शर्मसार होते।

Saturday 21 April 2012

पाक में विमान-हादसा: सभी 130 यात्रियों की मौत

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में 130 यात्रियों को ले जा रहा एक विमान शुक्रवार शाम रावलपिंडी के चकलाला हवाई ठिकाने के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में चालक दल के नौ सदस्यों सहित 130 यात्रियों की मौत हो गई। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी एवं प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने इस दुर्घटना पर शोक-संवदेना प्रकट की है। प्रधानमंत्री गिलानी ने घटना के जांच के आदेश दिए हैं। हादसे की जगह पर अंधेरा होने के चलते बचाव एवं राहत कार्य चलाने में मुश्किल आ रही है। पाकिस्तान विमान हादसा: सौ से ज्यादा लोगों के मरने की आशंका भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हादसे पर शोक व्यक्त किया है और मारे गए लोगों व उनके परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने भोजा एयरलाइन की विमान संख्या बी4-213 की दुर्घटना में 118 यात्रियों के मारे जाने की पुष्टि की है। बीबीसी के मुताबिक रपटों में कहा गया कि दुर्घटना के समय विमान हवाईअड्डे पर उतरने की तैयारी में था। समाचार चैनल जिओ टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बोइंग 737 में 129 लोग सवार थे। इसमें 57 पुरूष, 55 महिलाएं, 11 बच्चे व छह चालक दल के सदस्य थे। कुछ रपटों में बताया गया कि विमान में 131 यात्री सवार थे। दुर्घटनास्थल से अब तक कम से कम 110 शव बरामद किए जा चुके हैं। चकलाला हवाई ठिकाने का उपयोग पाकिस्तानी वायुसेना करती है। मैंगलोर: एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त, 159 की मौत भोजा एयलाइंस के विमान ने शाम पांच बजे कराची से उड़ान भरी थी और इसे शाम 6.40 बजे इस्लामाबाद हवाईअड्डे पर उतरना था लेकिन इससे पहले वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे के वक्त भारी बारिश और तूफान आने की बात कही गई है। नागरिक उड्डयन प्राधिकरण के सूत्रों ने बताया कि विमान को हवाईअड्डे पर उतरने की अनुमति दी गई थी लेकिन उतरने के समय विमान का सम्पर्क कंट्रोल टॉवर से टूट गया जिसके बाद यह हादसा हुआ। कांगो: हवाईअड्डे पर विमान दुर्घटनाग्रस्त, 127 की मौत हादसे के बाद पाकिस्तानी सेना के जवान एवं बचाव दल के सदस्य घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। दुर्घटनाग्रस्त विमान भोजा एयरलाइंस का बताया जा रहा है। भोजा ने इस विमान को शाहीन एयरलाइंस से प्राप्त किया था। बताया गया है कि यह उसकी पहली उड़ान थी। पुलिस बचाव दल के एक अधिकारी सैफुर रहमान ने बताया कि विमान का मलबा इस्लामाबाद के मुख्य राजमार्ग से करीब तीन किलोमीटर दूर हुसैनाबाद गांव में गिरा। रहमान के मुताबिक, दुर्घटना के बाद विमान में आग लग गई। विमान का मलबा अभी भी जल रहा है। विमान पूरी तरह से नष्ट हो गया है। 

Tuesday 17 April 2012

सुहाने सफर की तरफ बढ़ रहा है आईपीएल-5

आईपीएल-5 ने रफ्तार पकड़ ली है...या कह लें कि एक लंबे सफर को तय करते हुए अब हम हाईवे पर हैं। यहां सब कुछ ठीक चल रहा है! 72 लीग मैचों के सफर में अब तक 19 खेले जा चुके हैं। अभी तक का जो सफर रहा है...उसमे पिछले साल के विजेता और उप-विजेता की वाट लगी हुई है। उम्मीद है ये टीमें वापसी करेंगी। विजेता चेन्नई 5 मैच में केवल 2 जीत के सा‌थ छठे स्थान पर है तो उप विजेता रॉयल चैलेंजर्स 4 मैच में केवल 1 जीत के साथ आठवें पायदान पर है। वहीं पिछले साल की फिसड्डी टीमों में रहने वाली दिल्ली, पुणे और राजस्‍थान ने टॉप-3 पर कब्जा जमाया हुआ है। अभी तक के सफर में जिस टीम ने सही मायने में सुधार किया है वो है दिल्ली डेयरडेविल्‍स की टीम। दिल्ली को पिछले सीजन में केवल 4 जीत मिली थी जिस कारण वो अंतिम पायदान पर थी। लेकिन इस बार केविन पीटरसन, महेला जयवर्धने और रॉस टेलर को टीम में शामिल कर दिल्ली ने अपनी सेना सहवाग के नेतृत्व में मजबूत कर ली है। दिल्ली की टीम इस सीजन की विजेता बनती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। आईपीएल-5 में अब तक के रोचक आंकड़े - अब तक कुल 5388 रन बन चुके हैं। - 2820 रन चौके और छक्के से बने हैं। - गेंदबाजों ने अब तक 254 विकेट चटकाए हैं। - गेंदबाजों ने इस सीजन में अब तक 1624 डॉट बॉल फेंके हैं। - अब तक कुल 188 छक्के लग चु‌के हैं। - अब तक केवल 5 गेंदबाजों (जहीर, मलिंगा, सिद्घार्थ त्रिवेदी, बालाजी और डेल स्टेन) ने मेडन फेके हैं।

Friday 6 April 2012

सोनिया लिखकर दें, नहीं बढ़ेगी एक्‍साइज ड्यूटी


नई दिल्‍ली. गहनों पर बढ़ी एक्‍साइज ड्यूटी वापस लेने की मांग को लेकर सर्राफा व्‍यापारियों की हड़ताल जारी है। सर्राफा व्‍यापारियों ने आज इस सिलसिले में यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया ने कहा कि सरकार मामले को देखेगी लेकिन सर्राफा व्‍यापारी इससे संतुष्‍ट नहीं दिखे। उन्‍होंने एक्‍साइज ड्यूटी वापस लेने की मांग को लेकर सोनिया से लिखित भरोसा मांगा है। सर्राफा व्‍यापारी वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मिलने वाले हैं।

ममता के राज में मार्क्स और एंगेल्स के पाठ का द एंड

जिस पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादियों ने लगातार 34 साल शासन किया, वहां के पाठ्यक्रम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नए सिरे से लिखने की तैयारी कर रही हैं। यदि सब कुछ उनकी योजना के मुताबिक हुआ तो राज्य के सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में से मार्क्सवाद के प्रवर्तक कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स के पाठ खत्म किए जा सकते हैं। एक सरकारी शिक्षा पैनल ने यह सुझाव दिया है। प्रस्ताव सामने आते ही राज्य में बहस छिड़ गई है और मुख्यमंत्री के मार्क्सवादी आलोचक गुस्से से लाल-पीले हो रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस अपने इस कदम को सही साबित करने के लिए तमाम तर्क दे रही है।

उसका कहना है कि इतिहास के पाठ्यक्रम में असंतुलन है और उसे दूर किया जाएगा। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि सरकार इतिहास को नए सिरे से लिखने का प्रयास नहीं कर रही। हम किताबों में मार्क्स-एंगेल्स को विषय के रूप में पढ़ाने के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उन्हें महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की कीमत पर महिमा मंडित नही किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, इतिहास न मार्क्सवाद के साथ शुरू होता है और न पश्चिम बंगाल में मार्क्सवदियों की सरकार के पतन के साथ खत्म हो गया। वह अपनी गति से सबसे आगे चलता है। विवादित प्रस्ताव रखने वाली समिति के प्रमुख अविक मजूमदार के अनुसार, पश्चिमबंगाल की किताबों में मार्क्सवादी विचारधारा को अनावश्यक तवज्जो दी गई है। जबकि कई ऐतिहासिक घटनाओं और पात्रों को नजरअंदाज कर दिया गया है। इसमें सुधार जरूरी है।

समिति ने कक्षा चौथी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम का विवेचन किया है। वह अगले सप्ताह सरकार को नए पाठ्यक्रम का मसौदा सौंप देगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है : सोमनाथ चटर्जी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी ने सरकार द्वारा इतिहास के पाठ्यक्रम में फेरबदल के प्रयासों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना की है।

उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि कौन मुख्यमंत्री को सलाह दे रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण और विवाद का विषय है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी छात्रों को मार्क्स, एंगेल्स और रूसी क्रांति के बारे में पढ़ाया जाता है, तो यह सोच कर नहीं कि वे वामपंथी बन जाएंगे।



Wednesday 14 March 2012

इतिहास के सबसे खतरनाक एनकाउंटर का यह है LIVE वीडियो

----

मुंबई. 90 का दशक मुंबई में अंडरवर्ल्ड के बढ़ते खूनी खेल का दशक था. इस खतरनाक खेल का शिकार केवल गैंग के गुर्गे ही नहीं हो रहे थे, बल्कि आम लोगों का जीवन भी दूभर होता जा रहा था. 

  
महाराष्ट्र सरकार के लिए यह सब एक बड़ा सिरदर्द बन चुका था. सरकार ने अपराध के इस खूनी खेल को ख़त्म करने के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वैड का गठन किया और एडिशनल पुलिस कमिश्नर ए. ए. खान को इसका प्रमुख बनाया. 

  
खान ने इस गैंगवार को ख़त्म करने का बीड़ा उठाया. जब उन्हें पता चला कि एक खतरनाक गैंग लोखंडवाला के एक मकान में छुपा हुआ है तो उन्होंने अपने साथियों के साथ हमला बोल दिया. 

  
इस कड़ी में हम आपको लोखंडवाला में हुए उस शूटआउट का पहला लाइव कवरेज वाला वीडियो दिखा रहे हैं. गौरतलब है कि इस एनकाउंटर को महाराष्ट्र पुलिस के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा और खतरनाक एनकाउंटर माना जाता है जिसे 16 नवम्बर 1991 की दोपहर में अंजाम दिया गाया था. 

  
इसी एनकाउंटर को आधार बनाकर शूटआउट एट लोखंडवाला नाम से एक हिंदी फिल्म का भी निर्माण किया गया जो 2007 में रिलीज हुई थी.

Friday 24 February 2012

दो मंत्रियों पर भारी पड़ सकता है सोमवार

नई दिल्ली। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बाद अब केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी आचार संहिता उल्लंघन के घेरे में हैं। राष्ट्रपति शासन लगने संबंधी बयान पर एतराज जताते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर सोमवार की दोपहर तक सफाई देने को कहा है। बेनी की सुनवाई भी उसी शाम दोनों पक्षों की मौजूदगी में होगी। इसलिये सोमवार दो मंत्रियों पर भारी पड़ सकता है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार न बनने की दशा में राष्ट्रपति शासन लगने का बयान देना जायसवाल के लिए मुश्किलों का सबब बन गया। एक तरफ जहां कांग्रेस नेतृत्व को यह बयान रास नहीं आ रहा है, वहीं आयोग ने भी नोटिस जारी कर दिया है। शुक्रवार को जारी नोटिस में आयोग ने माना है कि पहली नजर में उनका बयान आचार संहिता का उल्लंघन है जिसमें मतदाताओं को परोक्ष धमकी दी गई है।

उन्हें सोमवार की दोपहर दो बजे तक अपनी सफाई देने को कहा गया है। उधर, बेनी का मामला भी सोमवार तक टल गया है। शिकायतकर्ता और भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के आग्रह पर सुनवाई सोमवार की शाम को होगी। ध्यान रहे कि उत्तार प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम आरक्षण बढ़ाने के बयान पर घिरे बेनी के आचरण पर आयोग ने पहले ही अपनी सख्त आपत्तिजता दी थी। बेनी ने आग्रह किया था कि कोई फैसला लेने से पहले उन्हें सुनवाई का एक मौका दें। सुनवाई के दौरान शाहनवाज को भी मौजूद रहना था। लेकिन बाद में उनके आग्रह पर सुनवाई की तिथि सोमवार तक बढ़ा दी गई है।

गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष के अधिवक्ता भी मौजूद होते हैं। उनकी दलील सुनने के बाद आयोग अपना निर्णय लेता है। वैसे यह तय माना जा रहा है कि बेनी को कम से कम आचार संहिता उल्लंघन का दोषी करार दिया जाएगा। जबकि, भाजपा की ओर से कुछ कठोर निर्णय लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। गौरतलब है कि कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के मामले में आयोग ने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी। राष्ट्रपति ने कार्रवाई के लिए उस पत्र को प्रधानमंत्री को भेज दिया था।

सैफ को उकसाया गया थाः करीना

उस रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में मैंने अब तक कुछ नहीं कहा है, लेकिन मुझे लगता है अब चुप नहीं रहना चाहिए क्योंकि अब तक एकतरफा कहानी ही सामने आई है। इकबाल शर्मा नाम का यह शख्स पब्लिसिटी का भूखा है।

टूटी नाक और जबड़े के साथ कैसे कोई शख्स लगातार 10 घंटे से ज्यादा टीवी पर बोल सकता है? सैफ को उकसाया गया था। सैफ एक जेंटलमैन हैं और वह कभी लडा़ई-झगड़े में नहीं पड़ते, खासतौर से तब जब उनके आसपास इतनी महिलाएं हों। हम दोनों मुंबई के वासाबी रेस्तरां में डिनर कर रहे थे, तभी इकबाल हमारे पास आया और हम पर चिल्लाने लगा। उस समय रेस्तरां में सिर्फ शर्मा ग्रुप और हम थे।

हमलोग बातें कर रहे थे हंसी-मजाक कर रहे थे,लेकिन चिल्ला नहीं रहे थे! ऐसा कोई कारण नहीं था कि वो शख्स हमारी टेबल तक आए और सैफ पर चिल्लना शुरू कर दे। फिर भी, सैफ ने सॉरी कहा लेकिन इकबाल लगातार बड़बड़ाता रहा। लेकिन, अब वह बोल रहा है कि उसे नहीं मालूम था कि उस टेबल पर ऐक्टर्स बैठे हुए हैं। लेकिन, उसकी बीवी तरीना(ढोलऔर भूल भुलैया'फिल्म में काम कर चुकी है) और मलाइका ने थोड़ी देर पहले ही एक-दूसरे को ग्रीट किया था!

दिलचस्प बात यह है कि जब तरीना ने अपने पति को तमाशा करते देखा तब उसे रोकने के बजाय वह वहां से निकल गई। मार-पीट तब हुई जब इकबाल वॉशरूम से निकल रहा था और सैफ नीचे की ओर जा रहे थे। इकबाल ने सैफ को धक्का दिया और एक बूढ़े आदमी ने भी उसे जॉइन कर लिया।

जब शकील(अमृता के पति) और बिलाल ने सारा माजरा देखा तब वे सैफ को बचाने आ गए। सीनियर्स को कैसे सम्मान दिया जाता है, सैफ यह अच्छी तरह जानते हैं। सैफ यह भी जानते हैं कि पब्लिक प्लेस में कैसे बर्ताव किया जाता है।

मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रही कि मैं उनके साथ रिलेशनशिप में हूं, बलिक यह फैक्ट है।' सैफ की आंखे सूझ गई थीं। सैफ ने जो बयान दिया है उससे हम सब सहमत हैं और उनके साथ हैं। उस रात जो कुछ भी हुआ हम उसके गवाह हैं। मार-पीट की यह पूरी घटना निश्चत तौर पर उनके सिलेब्रिटी स्टेटस को टारगेट करने के लिए घटी। यह बड़ी घिनौनी बात है!

यूपी में राष्‍ट्रपति शासन के आसार

अलीगढ़. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांच चरण का मतदान हो चुका है। छठे चरण का प्रचार खत्म होने में केवल दो दिन बाकी हैं। संभावना समाजवादी पार्टी के सबसे बड़ा दल बनकर उभरने की है। लेकिन कांग्रेस द्वारा सपा को समर्थन न देने पर अड़ जाने पर अगली सरकार की तस्वीर साफ नहीं दिख रही। ऐसे में सरकार बनना तभी संभव है जब या तो भाजपा और बसपा के इतने विधायक जीतें जो दोनों मिलकर सरकार बना लें। या फिर ये दोनों दल निर्दलीय और अन्य छोटे दलों का सहारा लें। या फिर राहुल गांधी का हृदय परिवर्तन हो जाए और वे सपा को बाहर से समर्थन दें या गठबंधन की सरकार बनाएं। अंतिम विकल्प राष्ट्रपति शासन और छह महीनों के अंदर दोबारा चुनाव कराने का है।

वैसे ही जैसे बिहार में रामविलास पासवान के अड़ जाने पर दोबारा चुनाव कराने पड़े थे। उनकी शर्त थी कि जो भी गठबंधन बने, उसमें मुख्यमंत्री वे ही बनेंगे। न लालू प्रसाद यादव इसके लिए तैयार थे और न ही नीतीश कुमार। दोबारा चुनाव में नीतीश-भाजपा के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला। पासवान पासंग भी न रह गए। उनके संग लालू भी अप्रसांगिक हो गए। सवाल अहम है। क्या कांग्रेस खुद को पासवान की जगह लाकर रखेगी? क्या वह समर्थन न देना और न लेना की रट नहीं छोड़ेगी? ऐसे में क्या उसके विधायक इतनी जल्द दोबारा चुनाव लडऩा पसंद करेंगे? कांग्रेस के ही क्यों किसी भी दल के विधायक इतनी मेहनत और पैसा दोबारा लगाने के अनिच्छुक होंगे। क्या राष्ट्रीय लोकदल कांग्रेस के इस फैसले में उसका साथ देगी?

या अलग रुख अख्तियार करेगी? इन्हीं प्रश्नों के संभावित उत्तर सपा प्रमुख मुलायम सिंह की आशा का आधार है। आखिर राहुल सपा को समर्थन पर इतना सख्त रुख क्यों अपना रहे हैं? इसके मूल में 1989 और फिर 1993 में सपा को दिए समर्थन के बाद हुए कांग्रेस का हश्र है। कांग्रेस का वोट बैंक सपा और बसपा में चला गया। जब-जब कांग्रेस पुनर्जीवन की ओर कदम बढ़ाती है, पुराने कांग्रेसी घर वापसी की सोचते हैं। जैसे 1999 में लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी से कर्ण सिंह के मुकाबले में हुआ। जिस लखनऊ में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही नहीं थे, वहीं कर्ण सिंह वाजपेयी से केवल एक लाख वोट से हारे। प्रचार के अंतिम क्षणों में चौक स्टेडियम में सोनिया की रैली में कई भाजपाई चेहरे दिखाई दिए थे। उनमें से एक शरद टंडन का कहना था - हम तो मजबूरी में लालजी टंडन के साथ थे। क्योंकि लखनऊ में कांग्रेस थी ही नहीं। अब कांग्रेस है तो हम फिर कांग्रेस के साथ आ गए हैं।

प्रदेश में कांग्रेस को 1998 में मात्र 6 फीसदी वोट मिले थे और वह एक भी लोकसभा सीट जीतने में नाकामयाब रही थी। 2004 के चुनाव में उसे 12 फीसदी वोट और नौ सीटें मिलीं। वहीं 2009 के चुनाव में यह बढ़कर 18 फीसदी हो गया और उसे 22 सीटें मिलीं। जाहिर है, कांग्रेस वापसी की ओर है। राहुल की निगाहें 2012 के विधानसभा चुनाव से ज्यादा 2014 के लोकसभा चुनाव पर हैं। यही वजह है कि वे बार-बार कह रहे हैं कि इस चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतती है उन्हें परवाह नहीं। वे कांग्रेस को एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं।

1980 और 1984 की तरह। सरकार नहीं बनी तो विपक्ष में बैठने को तैयार : दिग्विजय कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि उत्तरप्रदेश में पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो वह किसी अन्य पार्टी को समर्थन देने के बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। उन्होंने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को भी गलत करार दिया। उन्होंने कहा, रालोद राज्य की 403 में से सिर्फ 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस आधार पर कोई कैसे मुख्यमंत्री बन सकता है। मुझे नहीं लगता कि जयंत सीएम बन सकते हैं।' काग्रेस नेता परवेज हाशमी की बुलंदशहर में की गई टिप्पणी पर यह उनकी प्रतिक्रिया थी। राज्यपाल के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस में संशय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की संभावना जताई है। कांग्रेस राज्यपाल बीएल जोशी के कार्यकाल को लेकर संशय में है।

उनका कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की नौबत आती है तो कांग्रेस के समक्ष एक कठिन स्थिति पैदा हो सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में पार्टी के भीतर 'राजनीतिक राज्यपाल' की नियुक्ति का दबाव है। इससे एक नया विवाद उभरने की आशंका बनेगी। विवाद से बचने के लिए जोशी का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।

लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन साल सीटें वोट प्रतिशत

1980 51 35.90
1984 83 51.03
1989 15 31.75
1991 ०5 18.02
1996 ०5 8.14
1998 00 6.02
1999 10 14.72
2004 ०9 12.04
2009 22 18.15

Thursday 23 February 2012

सलमान सबसे बड़े दबंग, 50 करोड में बिके राइट्स

मुंबई।। अगर आप यह सोच रहे हैं कि चुलबुल पांडे आखिर गए कहां, तो खबर यह है कि सलमान खान इस साल क्रिसमस पर 2010 की ब्लॉकस्टर फिल्म दंबंग के सीक्वल में आपसे रूबरू होंगे। अगले हफ्ते मुंबई में दबंग-2 की शूटिंग शुरू होने से पहले ही स्टार नेटवर्क ने अगले 11 साल के लिए फिल्म का सैटलाइट राइट्स 48-50 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। इस तरह दबंग- 2 ने शूटिंग शुरू होने से पहले ही रेकॉर्ड बना लिया।

इस डील से करीबी रूप से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फिल्म के म्यूजिक राइट्स टी-सीरीज ने 10 करोड़ रुपये से ज्यादा दाम देकर खरीदा है। स्टार गोल्ड के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट हेमल झावेरी ने डील की पुष्टि की, लेकिन इसका ब्योरा या कीमत बताने से इनकार कर दिया। झावेरी स्टार के हिंदी नेटवर्क के लिए सैटलाइट राइट्स खरीदने का जिम्मा संभालते हैं। स्टार के नेटवर्क में स्टार प्लस, स्टार गोल्ड और लाइफ ओके शामिल है।

बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड की तरह खान की सैटलाइट रेटिंग भी धमाकेदार रही है। सलमान खान की एक और ब्लॉकबस्टर ' बॉडीगार्ड ' जब दिसंबर 2011 में स्टार गोल्ड पर दिखाई गई, तो उसे 10.3 की टीआरपी मिली। झावेरी ने दबंग - 2 के बारे में कहा कि चैनल को इस फिल्म के लिए भी इसी रेटिंग की उम्मीद है।

एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री की टीआरपी पर खास नजर रहती है और इसी हिसाब से विज्ञापन दिए जाते हैं। टीवी पर प्रीमियर के वक्त ज्यादा रेटिंग के अलावा अगर साल में किसी फिल्म की एवरेज टीआरपी 2.5 रहती है, तो उसे कामयाब माना जाता है। मसलन, पिछले साल भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले को 21 की टीआरपी मिली थी। यह मैच स्टार स्पोर्ट्स, स्टार क्रिकेट और दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया था।

पिछले कुछ साल में सैटलाइट राइट्स बेचने पर मिलने वाली रकम अहम हो गई है। फिल्म के प्रॉडक्शन की कॉस्ट का कम से कम एक-तिहाई हिस्सा इन राइट्स को बेचने से मिल जाता है। कई बार प्रॉडक्शन शुरू होने से पहले फिल्म के सैटलाइट राइट्स बेच दिए जाते हैं। चैनल के लिए भी यह फायदे का सौदा है। वह कामयाब होने वाली फिल्म को कई साल तक बार-बार दिखाकर दर्शक और रेवेन्यू खींचते हैं।

ऋतिक रोशन की कृष और शाहरुख खान की डॉन2 के लिए सोनी को 37-37 करोड़ रुपये देने पड़े, जबकि आमिर खान की तलाश और करण जौहर की अग्निपथ के राइट्स 40-40 करोड़ रुपये में बेचे गए। अर्न्स्ट ऐंड यंग में फिल्म सेगमेंट लीडर राकेश जरीवाला ने कहा, ' बड़ी फिल्मों के लिए सैटलाइट प्राइस बढ़ने का सीधा ताल्लुक चैनलों के लिए ग्रॉस रेटिंग पॉइंट को ज्यादा से ज्यादा ले जाने से होता है।

पेट्रोल पंप पर तेल लेने से पहले इस खबर को जरुर पढ़ लें आप!

रांची. आम तौर पर लोग पेट्रोल पंप पर तेल लेते समय मशीन में तेल की मात्रा या राशि फीड कराते हैं। इसके बाद यह तसल्ली हो जाती है कि पूरा तेल मिला। आप भी ऐसा सोचते हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। शहर के कई पेट्रोल पंपों में मशीन के साथ छेड़छाड़ करके आपको कम तेल दिया जा रहा है। डीबी स्टार की टीम ने इसकी पड़ताल की। शहर के कुछ पेट्रोल पंपों से टीम ने तेल लेकर मापा, तो पता चला कि प्रति लीटर 15 से 30 मिलीमीटर कम तेल दिया जा रहा है। हालांकि, तेल मापने के क्रम में तेल का कुछ अंश उड़ा भी होगा। इसके बावजूद इसकी माप इतना कम होना, सबकुछ साफ बयां करता है।

राजधानी के पेट्रोल पंपों में उपभोक्ताओं के साथ होने वाली लूट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। लोगों को खुलेआम कम पेट्रोल- डीजल दिया जा रहा है। अधिकतर पेट्रोल पंपों में डिजिटल मशीन लगाया गया है। लेकिन, अधिकतर पेट्रोल पंपों में मीटर लॉक करने के बावजूद ग्राहकों को चूना लगाया जा रहा है। मान लीजिए आप किसी पंप पर पेट्रोल लेने गए और दो लीटर पेट्रोल देने को कहा। कर्मचारी फौरन दो का बटन दबाता है। आप पूरी राशि अदा कर रहे हैं, इसके बावजूद आपको तेल पूरा नहीं मिल रहा है। इसकी जांच करेंगे, तो पता चलेगा कि प्रति लीटर 20 से 60 मिलीलीटर तेल का आपको चपत लग रहा है।

ऐसा लगता है चपत

ग्राहकों को मीटर लॉक कराने के बावजूद चपत कई प्रकार से लगाया जा रहा है। मशीन में एक लीटर का आंकड़ा आते ही तेल देने वाला कर्मचारी नोजल निकाल लेता है। ऐसे में कुछ पेट्रोल पाइप में ही रह जाता है। इससे भी बड़ी आसानी से उपभोक्ता को चपत लग रही है, लेकिन पता नहीं चल पाता। पेट्रोल पंप संचालक भी इस बात को मानते हैं कि पाइप में तेल रहता है, मगर इसकी मात्रा ना के बराबर होती है।

बिना तेल दिए लाखों की कमाई

परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रांची जिले में करीब साढ़े चार लाख गाडिय़ां है। रांची जिले में प्रतिदिन लगभग 1.10 लाख लीटर पेट्रोल की औसत बिक्री होती है। वहीं, रांची में प्रतिदिन औसतन .4 लाख लीटर डीजल की बिक्री भी होती है। रांची जिले में प्रतिदिन 2 लाख वाहनों (डीजल/पेट्रोल) में ईंधन डाले जाते हैं, जिसमें से अनुमान के मुताबिक लगभग डेढ़ लाख वाहनों में तेल डालने के समय मीटर लॉक नहीं किया जाता या फिर डिजिटल मशीनों में छेड़छाड़ करने के कारण ग्राहक से 08 से 54 पैसे तक बचा लिए जाते हैं। औसतन प्रति वाहन 45 पैसे के हिसाब से देखा जाए तो 1.5 लाख वाहनों में प्रतिदिन लगभग 67.5 हजार के ईंधन तो नहीं डाले जाते, लेकिन उसके पैसे ले लिए जाते हैं। इस मद में हर माह 20.25 लाख रुपए ग्राहकों से हड़प लिए जाते हैं।

सुविधाएं भी नदारद

अफसरों की लापरवाही से राजधानी के पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं को वाजिब सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। ईंधन जांच व मुफ्त मुफ्त हवा की बात तो दूर, पीने का पानी व शौचालय की सुविधा भी नहीं है। सब तो सब, कई पेट्रोल पंपों पर तो सर्विस स्टेशनों के नाम भी नहीं लिखे गए हैं। नियमानुसार पंपों पर सर्विस स्टेशनों के नाम तो लिखे ही जाने चाहिए, वहां पानी और टॉयलेट के अलावा हवा चेक की सुविधा भी होनी चाहिए। लेकिन दूर दराज की कौन कहे, राजधानी के पेट्रोल पंपों पर भी यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, कुछ पेट्रोल पंपों पर हवा की मशीन लगाई तो गई है, लेकिन यह महज दिखावा है।

मैन्युअल तरीके से भी मिलता है पेट्रोल

पेट्रोल पंप डिजिटल पंप लग जाने के बाद भी अमाउंट लॉक न करके गड़बड़ी की जाती है। नियमानुसार पेट्रोल या डीजल लेने से पूर्व निर्धारित अमाउंट को डिजिटल मीटर में लॉक किया जाना चाहिए, उसके बाद उतनी राशि का पेट्रोल या डीजल पंप से निकलने के बाद वह बंद हो जाता है। जबकि, अधिकांश पेट्रोल पंपों में मीटर लॉक करने के बजाए आज भी यह काम मैन्युअल तरीके से ही किया जा रहा है। शहर में प्रतिदिन औसतन 1.10 लाख लीटर पेट्रोल और 83 हजार लीटर की बिक्री होती है। ऐसे में ग्राहकों को एक बार तेल लेने में 08 से 54 पैसे तक की चपत लगती है। हालांकि, यह राशि मामूली नजर आती है। लेकिन, औसतन 45 पैसे प्रतिलीटर की मानें तो प्रत्येक महीने आम लोगों को 20.25 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

माप तौल विभाग गैर जिम्मेवार

किसी भी दुकान और पेट्रोल पंपों में उपभोक्ताओं को सही मात्रा में सामान मिले, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी माप-तौल विभाग की है। पेट्रोल पंपों में सही मात्रा में तेल दिया जा रहा है कि नहीं उसे देखना भी माप-तौल विभाग का काम है। राजधानी के पेट्रोल पंपों में पूरे पैसे देने के बावजूद कम तेल मिल रहा है, क्या इसकी जांच होती है। यह जानने के लिए टीम ने जिला माप-तौल पदाधिकारी केसी चौधरी से उनके मोबाइल नंबर 9431167377 पर बात की। इस संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है जांच नहीं होती। इसके बाद फोन काट दिया। दोबारा नंबर डॉयल किया गया, लेकिन फिर बात नहीं हो पाई।

खुद की बनाई कार, कीचड़ में दिखाई रफ्तार की जादूगरी,बन गया शहंशाह

महिला और इसकी टीम का देख दम, सैल्यूट करेंगे आप और हम!

बदनाम मुन्नी के बारे में जानते हैं सीएम, लेकिन जवान शीला का पता....!

दबंगई दिखा नाबालिग लड़की के साथ ये क्या कर दिया!

डीएसपी बेटे ने की ज्यादती तो मां पहुंची दरबार, लगाई गुहार!

सचिन तेंदुलकर के लिए खास है आज की तारीख

भले ही आज मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर 'महाशतक' के लिए मैदान पर जूझ रहे हैं, पर उनकी काबिलियत और प्रतिभा का हर कोई मुरीद है। आज से 2 साल पहले यानी 24 फरवरी 2010 को सचिन ने ग्वालियर में इतिहास रचते हुए दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक जमाया था। क्रिकेट की दुनिया में ऐसा करिश्मा करने वाले वे पहले क्रिकेटर बने थे।
इस मैच में सचिन ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 147 गेंदों पर नाबाद 200 रन की पारी खेली थी। इस पारी में सचिन ने 25 चौके और 3 छक्के लगाए थे। इस मैच में सचिन ने सहवाग संग पारी की शुरुआत की थी और खेल के अंत तक 200 रन बनाकर नाबाद रहे थे। नामचीन 'टाइम' मैग्जीन ने सचिन तेंदुलकर के दोहरे शतक को वर्ष 2010 के दस सबसे महत्त्वपूर्ण खेल घटनाओं में शामिल किया था।

हालांकि इंदौर में टीम इंडिया के वीरेंद्र सहवाग सचिन के रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब रहे। इंदौर में सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 219 रनों की शानदार पारी खेली थी। इस पारी में वीरू ने 149 गेंदों का सामना करते हुए 7 छक्के और 25 चौके लगाए थे।

Saturday 11 February 2012

कश्मीर का हिस्सा चीन को सौंपने की तैयारी में पाक

भारत पर दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान ने एक नई आक्रामक रणनीति तैयार की है। इसके तहत पाकिस्तान अपने कब्जे वाले 72,971 वर्ग किलोमीटर गिलगित-बा‌ल्टिस्तान इलाके को 50 साल के लिए चीन को लीज पर देने का विचार कर रहा है। इस इलाके में दोनों देश विकास की आड़ में अपने सैन्य रणनीति को अमली जामा पहनाएंगे। मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने गिलगित-बा‌ल्टिस्तान क्षेत्र के उर्दू अखबारों में छपी खबरों को आधार बनाकर यह रिपोर्ट जारी की है।

कियानी के चीन दौरे पर बनी बात
रिपोर्ट के अनुसार गिलगित-बा‌ल्टिस्तान इलाके में रणनीतिक कार्यक्रम लागू करने का फैसला इस साल जनवरी में उस समय लिया गया जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परेवज कियानी चीन के दौरे पर थे। मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने इस रिपोर्ट को पाकिस्तान के बदतर होते हालात, अमेरिका से तनावग्रस्त होते संबंधः गिलगित-बाल्टिस्तान को 50 साल के लिए चीन को देने का विचार नाम के शीर्षक से जारी किया है।

चीन ने ही पाक के लिए बेस तैयार किए
कश्मीर के लिए हायतौबा मचाने वाला पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के अहम इलाकों का नियंत्रण भी गुपचुप तरीके से चीन को सौंप रहा है। माना जा रहा है कि पूर्वी चीन से इन मार्गों के जरिए खाड़ी के पूर्व में स्थित बलूचिस्तान के गवादार, पासनी और ओरमरा तक सिर्फ 48 घंटे में ही जरूरी सामान और तेल के टैंकर पहुंचाए जा सकेंगे। बलूचिस्तान में इन तीन जगहों पर चीन ने ही पाक नौसेना के लिए बेस तैयार किए हैं।

जून में योजना पर लगेगी मुहर!
अमेरिकी थिंक टैंक ने इस रिपोर्ट पर कहा है कि पाकिस्तान और चीन गिलगित-बाल्टिस्तान में सैन्य रणनीति के तहत प्रबंधन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। रणनीतिक कार्यक्रम के तहत दोनों देश की सेनाएं एक दूसरे की मदद करेंगी। रणनीति के तहत पाकिस्तान की नॉर्दर्न लाइट इंफैन्ट्री और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी संयुक्त अभ्यास के अलावा तकनीकी विशेषज्ञता का भी आदान प्रदान करेंगे। संभवतः यह रणनीति कार्यक्रम इसी साल जून से लागू होने की संभावना है।

Monday 9 January 2012

तब तक न रुको, जब तक मंजिल न मिले.


Lalit Suman

    स्वामी विवेकानंद ने ये बातें कही थी, उनका कहना था यही दुनिया है. अगर तुम किसी का भला करो , तो लोग उसे कोई अहमियत नहीं देंगे, लेकिन ज्यों ही तुम उस कम को बंद कर दो, वे फ़ौरन तुम्हे बदमाश साबित करने में जुट जायेंगे. हर कम को तीन अवास्थावों से गुजरना पड़ता है
  • उपहास
  • विरोध
  • स्वीकृति
कोई शख्स कितना ही महान क्यों न हो, आँखें मूंदकर उसके पीछे न चलो. अगर भगवान की ऐसी ही मंशा होती, तो वह हर प्राणी को आँख, नाक, कान, मुंह, दिमाग आदि क्यों देता ?
पक्षपात ही सब अनर्थों का मूल है, यह न भूलना. यदि तुम किसी के प्रति दूसरों की तुलना में ज्यादा प्रेम प्रदर्शित करोगे, तो उससे कलह ही बढेगा. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही सबसे बड़ा शिक्षक है. उठो, जागो और तक तक रूको नहीं, जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये. पवित्रता, धैर्य और कोशिश के द्वारा सारी बाधाएं दूर हो जाती है, इसमे कोई संदेह नहीं कि सभी महान कार्यों के पूरा होने में वक़्त तो लगता ही है.
विवेकानंद जी के १२ जनवरी के जन्मदिन पर इंडिया दर्पण परिवार की और से शत-शत नमन.

ललित 'सुमन' , प्रधान संपादक
(अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश, आल इंडिया स्माल एंड मीडियम न्यूज़ पेपर्स फेडरेशन)