Tuesday 17 July 2012
यूपी के मंत्री ने कहा, बच्चों की पिटाई जरूरी
Sunday 1 July 2012
शेट्टर को CM बनाने बागी कैंप ने रखी समयसीमा
Thursday 28 June 2012
यूपी फिर शर्मसारः चार साल की बच्ची से रेप
Sunday 24 June 2012
संघ ने नीतीश पर साधा निशाना
डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित किया
Monday 18 June 2012
राष्ट्रपति चुनाव : मेनका प्रणब के समर्थन में, बाल ठाकरे कल खोलेंगे पत्ते
Sunday 10 June 2012
सरकारी बंगलाः कुछ सचिन से भी सीखिए 'नेता जी'
कब्जे का ऐलान...10 हजार समर्थकों के साथ जय गुरु देव के आश्रम पर .....
विकल्पों की सूची में सबसे ऊपर दादा
हीरो बनने को शक्ल और अक्ल जरूरी नहीं
Monday 4 June 2012
कुछ ऐसे अपना वो कर्ज चुका रही हैं सानिया मिर्जा
विधायक पर गोली बरसाने वाले आरोपी गिरफ्तार
सार्वजनिक बहस सनसनीखेज बनकर रह गई: पीएम
Saturday 19 May 2012
नाराज इटली ने राजदूत वापस बुलाया
बाबा जय गुरुदेव का मथुरा में निधन
कार्टून मामला: ममता ने गुस्से में छोड़ा टीवी शो
Saturday 21 April 2012
पाक में विमान-हादसा: सभी 130 यात्रियों की मौत
Tuesday 17 April 2012
सुहाने सफर की तरफ बढ़ रहा है आईपीएल-5
Friday 6 April 2012
सोनिया लिखकर दें, नहीं बढ़ेगी एक्साइज ड्यूटी
नई दिल्ली. गहनों पर बढ़ी एक्साइज ड्यूटी वापस लेने की मांग को लेकर सर्राफा व्यापारियों की हड़ताल जारी है। सर्राफा व्यापारियों ने आज इस सिलसिले में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया ने कहा कि सरकार मामले को देखेगी लेकिन सर्राफा व्यापारी इससे संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने एक्साइज ड्यूटी वापस लेने की मांग को लेकर सोनिया से लिखित भरोसा मांगा है। सर्राफा व्यापारी वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से भी मिलने वाले हैं।
ममता के राज में मार्क्स और एंगेल्स के पाठ का द एंड
जिस पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादियों ने लगातार 34 साल शासन किया, वहां के पाठ्यक्रम को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नए सिरे से लिखने की तैयारी कर रही हैं। यदि सब कुछ उनकी योजना के मुताबिक हुआ तो राज्य के सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में से मार्क्सवाद के प्रवर्तक कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स के पाठ खत्म किए जा सकते हैं। एक सरकारी शिक्षा पैनल ने यह सुझाव दिया है। प्रस्ताव सामने आते ही राज्य में बहस छिड़ गई है और मुख्यमंत्री के मार्क्सवादी आलोचक गुस्से से लाल-पीले हो रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस अपने इस कदम को सही साबित करने के लिए तमाम तर्क दे रही है।
उसका कहना है कि इतिहास के पाठ्यक्रम में असंतुलन है और उसे दूर किया जाएगा। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन का कहना है कि सरकार इतिहास को नए सिरे से लिखने का प्रयास नहीं कर रही। हम किताबों में मार्क्स-एंगेल्स को विषय के रूप में पढ़ाने के विरोधी नहीं हैं, लेकिन उन्हें महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की कीमत पर महिमा मंडित नही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, इतिहास न मार्क्सवाद के साथ शुरू होता है और न पश्चिम बंगाल में मार्क्सवदियों की सरकार के पतन के साथ खत्म हो गया। वह अपनी गति से सबसे आगे चलता है। विवादित प्रस्ताव रखने वाली समिति के प्रमुख अविक मजूमदार के अनुसार, पश्चिमबंगाल की किताबों में मार्क्सवादी विचारधारा को अनावश्यक तवज्जो दी गई है। जबकि कई ऐतिहासिक घटनाओं और पात्रों को नजरअंदाज कर दिया गया है। इसमें सुधार जरूरी है।
समिति ने कक्षा चौथी से बारहवीं तक के पाठ्यक्रम का विवेचन किया है। वह अगले सप्ताह सरकार को नए पाठ्यक्रम का मसौदा सौंप देगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है : सोमनाथ चटर्जी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ वामपंथी नेता सोमनाथ चटर्जी ने सरकार द्वारा इतिहास के पाठ्यक्रम में फेरबदल के प्रयासों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी आलोचना की है।
उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि कौन मुख्यमंत्री को सलाह दे रहा है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण और विवाद का विषय है। उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी छात्रों को मार्क्स, एंगेल्स और रूसी क्रांति के बारे में पढ़ाया जाता है, तो यह सोच कर नहीं कि वे वामपंथी बन जाएंगे।
Wednesday 14 March 2012
इतिहास के सबसे खतरनाक एनकाउंटर का यह है LIVE वीडियो
Friday 24 February 2012
दो मंत्रियों पर भारी पड़ सकता है सोमवार
नई दिल्ली। कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बाद अब केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी आचार संहिता उल्लंघन के घेरे में हैं। राष्ट्रपति शासन लगने संबंधी बयान पर एतराज जताते हुए चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर सोमवार की दोपहर तक सफाई देने को कहा है। बेनी की सुनवाई भी उसी शाम दोनों पक्षों की मौजूदगी में होगी। इसलिये सोमवार दो मंत्रियों पर भारी पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार न बनने की दशा में राष्ट्रपति शासन लगने का बयान देना जायसवाल के लिए मुश्किलों का सबब बन गया। एक तरफ जहां कांग्रेस नेतृत्व को यह बयान रास नहीं आ रहा है, वहीं आयोग ने भी नोटिस जारी कर दिया है। शुक्रवार को जारी नोटिस में आयोग ने माना है कि पहली नजर में उनका बयान आचार संहिता का उल्लंघन है जिसमें मतदाताओं को परोक्ष धमकी दी गई है।
उन्हें सोमवार की दोपहर दो बजे तक अपनी सफाई देने को कहा गया है। उधर, बेनी का मामला भी सोमवार तक टल गया है। शिकायतकर्ता और भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के आग्रह पर सुनवाई सोमवार की शाम को होगी। ध्यान रहे कि उत्तार प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मुस्लिम आरक्षण बढ़ाने के बयान पर घिरे बेनी के आचरण पर आयोग ने पहले ही अपनी सख्त आपत्तिजता दी थी। बेनी ने आग्रह किया था कि कोई फैसला लेने से पहले उन्हें सुनवाई का एक मौका दें। सुनवाई के दौरान शाहनवाज को भी मौजूद रहना था। लेकिन बाद में उनके आग्रह पर सुनवाई की तिथि सोमवार तक बढ़ा दी गई है।
गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष के अधिवक्ता भी मौजूद होते हैं। उनकी दलील सुनने के बाद आयोग अपना निर्णय लेता है। वैसे यह तय माना जा रहा है कि बेनी को कम से कम आचार संहिता उल्लंघन का दोषी करार दिया जाएगा। जबकि, भाजपा की ओर से कुछ कठोर निर्णय लेने के लिए दबाव बनाया जाएगा। गौरतलब है कि कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के मामले में आयोग ने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी। राष्ट्रपति ने कार्रवाई के लिए उस पत्र को प्रधानमंत्री को भेज दिया था।
सैफ को उकसाया गया थाः करीना
उस रात जो कुछ भी हुआ उसके बारे में मैंने अब तक कुछ नहीं कहा है, लेकिन मुझे लगता है अब चुप नहीं रहना चाहिए क्योंकि अब तक एकतरफा कहानी ही सामने आई है। इकबाल शर्मा नाम का यह शख्स पब्लिसिटी का भूखा है।
टूटी नाक और जबड़े के साथ कैसे कोई शख्स लगातार 10 घंटे से ज्यादा टीवी पर बोल सकता है? सैफ को उकसाया गया था। सैफ एक जेंटलमैन हैं और वह कभी लडा़ई-झगड़े में नहीं पड़ते, खासतौर से तब जब उनके आसपास इतनी महिलाएं हों। हम दोनों मुंबई के वासाबी रेस्तरां में डिनर कर रहे थे, तभी इकबाल हमारे पास आया और हम पर चिल्लाने लगा। उस समय रेस्तरां में सिर्फ शर्मा ग्रुप और हम थे।
हमलोग बातें कर रहे थे हंसी-मजाक कर रहे थे,लेकिन चिल्ला नहीं रहे थे! ऐसा कोई कारण नहीं था कि वो शख्स हमारी टेबल तक आए और सैफ पर चिल्लना शुरू कर दे। फिर भी, सैफ ने सॉरी कहा लेकिन इकबाल लगातार बड़बड़ाता रहा। लेकिन, अब वह बोल रहा है कि उसे नहीं मालूम था कि उस टेबल पर ऐक्टर्स बैठे हुए हैं। लेकिन, उसकी बीवी तरीना(ढोलऔर भूल भुलैया'फिल्म में काम कर चुकी है) और मलाइका ने थोड़ी देर पहले ही एक-दूसरे को ग्रीट किया था!
दिलचस्प बात यह है कि जब तरीना ने अपने पति को तमाशा करते देखा तब उसे रोकने के बजाय वह वहां से निकल गई। मार-पीट तब हुई जब इकबाल वॉशरूम से निकल रहा था और सैफ नीचे की ओर जा रहे थे। इकबाल ने सैफ को धक्का दिया और एक बूढ़े आदमी ने भी उसे जॉइन कर लिया।
जब शकील(अमृता के पति) और बिलाल ने सारा माजरा देखा तब वे सैफ को बचाने आ गए। सीनियर्स को कैसे सम्मान दिया जाता है, सैफ यह अच्छी तरह जानते हैं। सैफ यह भी जानते हैं कि पब्लिक प्लेस में कैसे बर्ताव किया जाता है।
मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रही कि मैं उनके साथ रिलेशनशिप में हूं, बलिक यह फैक्ट है।' सैफ की आंखे सूझ गई थीं। सैफ ने जो बयान दिया है उससे हम सब सहमत हैं और उनके साथ हैं। उस रात जो कुछ भी हुआ हम उसके गवाह हैं। मार-पीट की यह पूरी घटना निश्चत तौर पर उनके सिलेब्रिटी स्टेटस को टारगेट करने के लिए घटी। यह बड़ी घिनौनी बात है!
यूपी में राष्ट्रपति शासन के आसार
अलीगढ़. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांच चरण का मतदान हो चुका है। छठे चरण का प्रचार खत्म होने में केवल दो दिन बाकी हैं। संभावना समाजवादी पार्टी के सबसे बड़ा दल बनकर उभरने की है। लेकिन कांग्रेस द्वारा सपा को समर्थन न देने पर अड़ जाने पर अगली सरकार की तस्वीर साफ नहीं दिख रही। ऐसे में सरकार बनना तभी संभव है जब या तो भाजपा और बसपा के इतने विधायक जीतें जो दोनों मिलकर सरकार बना लें। या फिर ये दोनों दल निर्दलीय और अन्य छोटे दलों का सहारा लें। या फिर राहुल गांधी का हृदय परिवर्तन हो जाए और वे सपा को बाहर से समर्थन दें या गठबंधन की सरकार बनाएं। अंतिम विकल्प राष्ट्रपति शासन और छह महीनों के अंदर दोबारा चुनाव कराने का है।
वैसे ही जैसे बिहार में रामविलास पासवान के अड़ जाने पर दोबारा चुनाव कराने पड़े थे। उनकी शर्त थी कि जो भी गठबंधन बने, उसमें मुख्यमंत्री वे ही बनेंगे। न लालू प्रसाद यादव इसके लिए तैयार थे और न ही नीतीश कुमार। दोबारा चुनाव में नीतीश-भाजपा के गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला। पासवान पासंग भी न रह गए। उनके संग लालू भी अप्रसांगिक हो गए। सवाल अहम है। क्या कांग्रेस खुद को पासवान की जगह लाकर रखेगी? क्या वह समर्थन न देना और न लेना की रट नहीं छोड़ेगी? ऐसे में क्या उसके विधायक इतनी जल्द दोबारा चुनाव लडऩा पसंद करेंगे? कांग्रेस के ही क्यों किसी भी दल के विधायक इतनी मेहनत और पैसा दोबारा लगाने के अनिच्छुक होंगे। क्या राष्ट्रीय लोकदल कांग्रेस के इस फैसले में उसका साथ देगी?
या अलग रुख अख्तियार करेगी? इन्हीं प्रश्नों के संभावित उत्तर सपा प्रमुख मुलायम सिंह की आशा का आधार है। आखिर राहुल सपा को समर्थन पर इतना सख्त रुख क्यों अपना रहे हैं? इसके मूल में 1989 और फिर 1993 में सपा को दिए समर्थन के बाद हुए कांग्रेस का हश्र है। कांग्रेस का वोट बैंक सपा और बसपा में चला गया। जब-जब कांग्रेस पुनर्जीवन की ओर कदम बढ़ाती है, पुराने कांग्रेसी घर वापसी की सोचते हैं। जैसे 1999 में लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी से कर्ण सिंह के मुकाबले में हुआ। जिस लखनऊ में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही नहीं थे, वहीं कर्ण सिंह वाजपेयी से केवल एक लाख वोट से हारे। प्रचार के अंतिम क्षणों में चौक स्टेडियम में सोनिया की रैली में कई भाजपाई चेहरे दिखाई दिए थे। उनमें से एक शरद टंडन का कहना था - हम तो मजबूरी में लालजी टंडन के साथ थे। क्योंकि लखनऊ में कांग्रेस थी ही नहीं। अब कांग्रेस है तो हम फिर कांग्रेस के साथ आ गए हैं।
प्रदेश में कांग्रेस को 1998 में मात्र 6 फीसदी वोट मिले थे और वह एक भी लोकसभा सीट जीतने में नाकामयाब रही थी। 2004 के चुनाव में उसे 12 फीसदी वोट और नौ सीटें मिलीं। वहीं 2009 के चुनाव में यह बढ़कर 18 फीसदी हो गया और उसे 22 सीटें मिलीं। जाहिर है, कांग्रेस वापसी की ओर है। राहुल की निगाहें 2012 के विधानसभा चुनाव से ज्यादा 2014 के लोकसभा चुनाव पर हैं। यही वजह है कि वे बार-बार कह रहे हैं कि इस चुनाव में कांग्रेस कितनी सीटें जीतती है उन्हें परवाह नहीं। वे कांग्रेस को एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा करना चाहते हैं।
1980 और 1984 की तरह। सरकार नहीं बनी तो विपक्ष में बैठने को तैयार : दिग्विजय कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि यदि उत्तरप्रदेश में पार्टी को बहुमत नहीं मिला तो वह किसी अन्य पार्टी को समर्थन देने के बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेगी। उन्होंने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को भी गलत करार दिया। उन्होंने कहा, रालोद राज्य की 403 में से सिर्फ 46 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इस आधार पर कोई कैसे मुख्यमंत्री बन सकता है। मुझे नहीं लगता कि जयंत सीएम बन सकते हैं।' काग्रेस नेता परवेज हाशमी की बुलंदशहर में की गई टिप्पणी पर यह उनकी प्रतिक्रिया थी। राज्यपाल के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस में संशय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन की संभावना जताई है। कांग्रेस राज्यपाल बीएल जोशी के कार्यकाल को लेकर संशय में है।
उनका कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की नौबत आती है तो कांग्रेस के समक्ष एक कठिन स्थिति पैदा हो सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने स्वीकार किया कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में पार्टी के भीतर 'राजनीतिक राज्यपाल' की नियुक्ति का दबाव है। इससे एक नया विवाद उभरने की आशंका बनेगी। विवाद से बचने के लिए जोशी का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रदर्शन साल सीटें वोट प्रतिशत
1980 51 35.90
1984 83 51.03
1989 15 31.75
1991 ०5 18.02
1996 ०5 8.14
1998 00 6.02
1999 10 14.72
2004 ०9 12.04
2009 22 18.15
Thursday 23 February 2012
सलमान सबसे बड़े दबंग, 50 करोड में बिके राइट्स
पेट्रोल पंप पर तेल लेने से पहले इस खबर को जरुर पढ़ लें आप!
रांची. आम तौर पर लोग पेट्रोल पंप पर तेल लेते समय मशीन में तेल की मात्रा या राशि फीड कराते हैं। इसके बाद यह तसल्ली हो जाती है कि पूरा तेल मिला। आप भी ऐसा सोचते हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। शहर के कई पेट्रोल पंपों में मशीन के साथ छेड़छाड़ करके आपको कम तेल दिया जा रहा है। डीबी स्टार की टीम ने इसकी पड़ताल की। शहर के कुछ पेट्रोल पंपों से टीम ने तेल लेकर मापा, तो पता चला कि प्रति लीटर 15 से 30 मिलीमीटर कम तेल दिया जा रहा है। हालांकि, तेल मापने के क्रम में तेल का कुछ अंश उड़ा भी होगा। इसके बावजूद इसकी माप इतना कम होना, सबकुछ साफ बयां करता है।
राजधानी के पेट्रोल पंपों में उपभोक्ताओं के साथ होने वाली लूट खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। लोगों को खुलेआम कम पेट्रोल- डीजल दिया जा रहा है। अधिकतर पेट्रोल पंपों में डिजिटल मशीन लगाया गया है। लेकिन, अधिकतर पेट्रोल पंपों में मीटर लॉक करने के बावजूद ग्राहकों को चूना लगाया जा रहा है। मान लीजिए आप किसी पंप पर पेट्रोल लेने गए और दो लीटर पेट्रोल देने को कहा। कर्मचारी फौरन दो का बटन दबाता है। आप पूरी राशि अदा कर रहे हैं, इसके बावजूद आपको तेल पूरा नहीं मिल रहा है। इसकी जांच करेंगे, तो पता चलेगा कि प्रति लीटर 20 से 60 मिलीलीटर तेल का आपको चपत लग रहा है।
ऐसा लगता है चपत
ग्राहकों को मीटर लॉक कराने के बावजूद चपत कई प्रकार से लगाया जा रहा है। मशीन में एक लीटर का आंकड़ा आते ही तेल देने वाला कर्मचारी नोजल निकाल लेता है। ऐसे में कुछ पेट्रोल पाइप में ही रह जाता है। इससे भी बड़ी आसानी से उपभोक्ता को चपत लग रही है, लेकिन पता नहीं चल पाता। पेट्रोल पंप संचालक भी इस बात को मानते हैं कि पाइप में तेल रहता है, मगर इसकी मात्रा ना के बराबर होती है।
बिना तेल दिए लाखों की कमाई
परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रांची जिले में करीब साढ़े चार लाख गाडिय़ां है। रांची जिले में प्रतिदिन लगभग 1.10 लाख लीटर पेट्रोल की औसत बिक्री होती है। वहीं, रांची में प्रतिदिन औसतन .4 लाख लीटर डीजल की बिक्री भी होती है। रांची जिले में प्रतिदिन 2 लाख वाहनों (डीजल/पेट्रोल) में ईंधन डाले जाते हैं, जिसमें से अनुमान के मुताबिक लगभग डेढ़ लाख वाहनों में तेल डालने के समय मीटर लॉक नहीं किया जाता या फिर डिजिटल मशीनों में छेड़छाड़ करने के कारण ग्राहक से 08 से 54 पैसे तक बचा लिए जाते हैं। औसतन प्रति वाहन 45 पैसे के हिसाब से देखा जाए तो 1.5 लाख वाहनों में प्रतिदिन लगभग 67.5 हजार के ईंधन तो नहीं डाले जाते, लेकिन उसके पैसे ले लिए जाते हैं। इस मद में हर माह 20.25 लाख रुपए ग्राहकों से हड़प लिए जाते हैं।
सुविधाएं भी नदारद
अफसरों की लापरवाही से राजधानी के पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं को वाजिब सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। ईंधन जांच व मुफ्त मुफ्त हवा की बात तो दूर, पीने का पानी व शौचालय की सुविधा भी नहीं है। सब तो सब, कई पेट्रोल पंपों पर तो सर्विस स्टेशनों के नाम भी नहीं लिखे गए हैं। नियमानुसार पंपों पर सर्विस स्टेशनों के नाम तो लिखे ही जाने चाहिए, वहां पानी और टॉयलेट के अलावा हवा चेक की सुविधा भी होनी चाहिए। लेकिन दूर दराज की कौन कहे, राजधानी के पेट्रोल पंपों पर भी यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, कुछ पेट्रोल पंपों पर हवा की मशीन लगाई तो गई है, लेकिन यह महज दिखावा है।
मैन्युअल तरीके से भी मिलता है पेट्रोल
पेट्रोल पंप डिजिटल पंप लग जाने के बाद भी अमाउंट लॉक न करके गड़बड़ी की जाती है। नियमानुसार पेट्रोल या डीजल लेने से पूर्व निर्धारित अमाउंट को डिजिटल मीटर में लॉक किया जाना चाहिए, उसके बाद उतनी राशि का पेट्रोल या डीजल पंप से निकलने के बाद वह बंद हो जाता है। जबकि, अधिकांश पेट्रोल पंपों में मीटर लॉक करने के बजाए आज भी यह काम मैन्युअल तरीके से ही किया जा रहा है। शहर में प्रतिदिन औसतन 1.10 लाख लीटर पेट्रोल और 83 हजार लीटर की बिक्री होती है। ऐसे में ग्राहकों को एक बार तेल लेने में 08 से 54 पैसे तक की चपत लगती है। हालांकि, यह राशि मामूली नजर आती है। लेकिन, औसतन 45 पैसे प्रतिलीटर की मानें तो प्रत्येक महीने आम लोगों को 20.25 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
माप तौल विभाग गैर जिम्मेवार
किसी भी दुकान और पेट्रोल पंपों में उपभोक्ताओं को सही मात्रा में सामान मिले, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी माप-तौल विभाग की है। पेट्रोल पंपों में सही मात्रा में तेल दिया जा रहा है कि नहीं उसे देखना भी माप-तौल विभाग का काम है। राजधानी के पेट्रोल पंपों में पूरे पैसे देने के बावजूद कम तेल मिल रहा है, क्या इसकी जांच होती है। यह जानने के लिए टीम ने जिला माप-तौल पदाधिकारी केसी चौधरी से उनके मोबाइल नंबर 9431167377 पर बात की। इस संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा कि आपको क्या लगता है जांच नहीं होती। इसके बाद फोन काट दिया। दोबारा नंबर डॉयल किया गया, लेकिन फिर बात नहीं हो पाई।
खुद की बनाई कार, कीचड़ में दिखाई रफ्तार की जादूगरी,बन गया शहंशाह
महिला और इसकी टीम का देख दम, सैल्यूट करेंगे आप और हम!
बदनाम मुन्नी के बारे में जानते हैं सीएम, लेकिन जवान शीला का पता....!
सचिन तेंदुलकर के लिए खास है आज की तारीख
Saturday 11 February 2012
कश्मीर का हिस्सा चीन को सौंपने की तैयारी में पाक
कियानी के चीन दौरे पर बनी बात
रिपोर्ट के अनुसार गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में रणनीतिक कार्यक्रम लागू करने का फैसला इस साल जनवरी में उस समय लिया गया जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल अशफाक परेवज कियानी चीन के दौरे पर थे। मिडिल ईस्ट मीडिया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने इस रिपोर्ट को पाकिस्तान के बदतर होते हालात, अमेरिका से तनावग्रस्त होते संबंधः गिलगित-बाल्टिस्तान को 50 साल के लिए चीन को देने का विचार नाम के शीर्षक से जारी किया है।
चीन ने ही पाक के लिए बेस तैयार किए
कश्मीर के लिए हायतौबा मचाने वाला पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के अहम इलाकों का नियंत्रण भी गुपचुप तरीके से चीन को सौंप रहा है। माना जा रहा है कि पूर्वी चीन से इन मार्गों के जरिए खाड़ी के पूर्व में स्थित बलूचिस्तान के गवादार, पासनी और ओरमरा तक सिर्फ 48 घंटे में ही जरूरी सामान और तेल के टैंकर पहुंचाए जा सकेंगे। बलूचिस्तान में इन तीन जगहों पर चीन ने ही पाक नौसेना के लिए बेस तैयार किए हैं।
जून में योजना पर लगेगी मुहर!
अमेरिकी थिंक टैंक ने इस रिपोर्ट पर कहा है कि पाकिस्तान और चीन गिलगित-बाल्टिस्तान में सैन्य रणनीति के तहत प्रबंधन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। रणनीतिक कार्यक्रम के तहत दोनों देश की सेनाएं एक दूसरे की मदद करेंगी। रणनीति के तहत पाकिस्तान की नॉर्दर्न लाइट इंफैन्ट्री और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी संयुक्त अभ्यास के अलावा तकनीकी विशेषज्ञता का भी आदान प्रदान करेंगे। संभवतः यह रणनीति कार्यक्रम इसी साल जून से लागू होने की संभावना है।
Friday 10 February 2012
सेना प्रमुख उम्र विवाद बैकफुट पर सरकार
Monday 9 January 2012
तब तक न रुको, जब तक मंजिल न मिले.
Lalit Suman |
- उपहास
- विरोध
- स्वीकृति