Saturday 19 May 2012

नाराज इटली ने राजदूत वापस बुलाया

रोम। दो भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ आरोप पत्र पेश होने से नाराज इटली ने अपने राजदूत जी एस डी मोंटफोर्ट को वापस बुला लिया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा मोंटफोर्ट को विचार-विमर्श के लिए बुलाया गया है। इटली इन हत्याओं को दुर्घटना मानता है और चाहता है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कानून लागू हो। चूंकि घटना अंतरराष्ट्रीय जलसीमा में हुई है इसलिए नौसैनिकों के खिलाफ मामला भारत की बजाय इतालवी अदालतों में चलना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, इटली की कार्रवाई हैरान करने वाली है। सलाह मशविरा हमेशा मददगार होता है पर इसके लिए नई दिल्ली से राजदूत को वापस ही बुला लेना ठीक नहीं। मैसिमिलियानो और सल्वातोरे गिरोन नाम के दोनों नौसैनिक इटली के माहवाहक जहाज एनरिक लेक्सी की सुरक्षा में तैनात थे। गत पंद्रह फरवरी को इन्होंने भारतीय मछुआरों को समुद्री लुटेरा समझ कर उनकी नौका पर गोली चला दी थी, जिसमें वी जलास्टीन और अजेश बी की मौत हो गई थी। घटना के वक्त इतालवी पोत भारतीय तट से 20.5 समुद्री मील दूर था। स्थानीय प्रशासन के समक्ष समर्पण करने के बाद ये केरल में गिरफ्तार किए गए थे, और वर्तमान में तिरुवनंतपुरम के केंद्रीय जेल में बंद हैं। केरल पुलिस की विशेष जांच शाखा [एसआइटी] ने शुक्रवार को इनके खिलाफ कोल्लम के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में 196 पृष्ठ का आरोप पत्र पेश किया। एसआइटी इससे पहले इस मामले में 60 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है। इसमें घटना से जुड़े 126 दस्तावेज और 46 अन्य तथ्यों [मैटेरियल ऑब्जेक्ट्स] की भी जांच की गई। आरोप पत्र में कहा गया है कि दोनों ने निहत्थे मछुआरों पर गोली चलाई। इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 307 [हत्या का प्रयास], 427 [नुकसान का कारण] और धारा 34 [समान नीयत से काम करने] के तहत आरोप तय किए गए हैं। भारत आए इटली के उप विदेश मंत्री स्टेफन डे मिस्तुरा ने शुक्रवार को कहा कि दोनों भारतीय मछुआरों की हत्या एक दुर्घटना थी। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में घटी इस घटना की सुनवाई का भारतीय अदालत को अधिकार नहीं है। मिस्तुरा दोनों नौसैनिकों से गुरुवार को जेल में मिले थे व लंबी अदालती प्रक्रिया पर भी चिंता जताई थी। 

बाबा जय गुरुदेव का मथुरा में निधन

बाबा जय गुरुदेव का शुक्रवार को यहां निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। दस दिन गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में रहने के बाद उनके शिष्य उन्हें शुक्रवार की शाम उनकी इच्छानुसार मथुरा स्थित आश्रम में लेकर आए थे। आश्रम प्रबंधक संतराम चौधरी ने बताया कि शु्क्रवार की रात नौ बजकर 52 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि बाबा का अंतिम संस्कार आश्रम परिसर में ही किया जाएगा, किन्तु अंतिम संस्कार की विधि एवं तिथि का निर्णय आश्रम की प्रबंधन समिति करेगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को समिति की बैठक आयोजित की गई है, जिसमें सभी सदस्यों की राय के अनुसार आम सहमति बनाकर तय किया जायेगा कि उनका संस्कार कब और किस प्रकार किया जाए।

कार्टून मामला: ममता ने गुस्से में छोड़ा टीवी शो

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री शुक्रवार को उस समय भड़ककर टेलीविजन परिचर्चा से बाहर निकल आईं जब दर्शकों में शामिल कुछ सदस्यों ने उनसे उनका मजाक उड़ाने वाला एक कार्टून भेजने के लिए एक प्रोफेसर की गिरफ्तारी के बारे में पूछ लिया। जाधवपुर विश्वविद्यालय के एक छात्र ने जब उनसे प्रोफेसर अंबिकेश महापात्रा की गिरफ्तारी के बारे में पूछा तो ममता ने कहा कि यह कार्टून नहीं है। हम कार्टून पसंद करते हैं। कार्टून अलग चीज है। वह माकपा का आदमी है। उसने अपने समाज के लोगों की मर्जी के बिना उनके ई-मेल का दुरुपयोग किया। उसने उसे 60 लोगों को भेजा। उन्होंने दावा किया कि प्रोफेसर एक बौद्धिक नहीं बल्कि ‘माकपा का एजेंट’ है। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद माकपा ने हजारों सीडी भेजी थीं, यदि आप महिला हैं और यदि आप उसे देख लें तो आप शर्मसार होते।