Thursday 28 June 2012

यूपी ‌फ‌िर शर्मसारः चार साल की बच्ची से रेप

मानवता को शर्मसार करते हुए बीस साल के एक युवक ने चार साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बना लिया। घटना उस वक्त हुई जब बालिका घर से दुकान पर सामान लेने के लिए गई थी। युवक ने अपने घर की छत पर ले जाकर बालिका को हवस का शिकार बना लिया। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के बाद बालिका की हालत बिगड़ गई। उसे अस्पताल में भरती कराया गया है।

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना गंज थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले की है। इस मुहल्ले में एक महिला अपने परिवार के संग रहती है। महिला की चार साल की बेटी बुधवार की रात करीब नौ बजे मुहल्ले में ही स्थित एक दुकान पर सामान लेने गई थी। आरोप है कि मुहल्ले का ही एक युवक उसे बहला फुसलाकर अपने घर की छत पर ले गया, जहां उसको हवस का शिकार बना लिया। बताया जाता है कि युवक घर में अकेला था।

घटना के बाद बालिका की हालत बिगड़ गई तो युवक के हाथ पांव फूल गए। इस बीच परिजनों ने बेटी की तलाश शुरू की तो पता चला कि बालिका के साथ इस तरह की घटना हुई है। मामले की जानकारी गंज पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस भी एक्टिव हो गई। पुलिस ने बालिका को जिला महिला अस्पताल में भरती कराया है। बालिका की मां की ओर से मुहल्ले के युवक सोनू के खिलाफ बलात्कार करने का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। घटना की जानकारी पाकर एसपी डा.प्रीतिंदर सिंह ने भी घटना स्थल का निरीक्षण किया।

Sunday 24 June 2012

संघ ने नीतीश पर साधा निशाना

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग भाजपा को अलग-थलग करने और संघ को बचाव की मुद्रा में लाने का विश्वासघाती प्रयास है। भाजपा को 2014 के अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की सलाह देते हुए कहा गया कि उसे सेकुलर व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की नीतीश की भ्रामक बात पर ध्यान दिए बिना मोदी जैसे नेता और विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित रखते हुए किसी भी कीमत पर इसे धमनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता की अराजक बहस में नहीं बदलने देना चाहिए। संघ के अंग्रेजी और हिंदी के मुखपत्रों आर्गेनाइजम्र तथा पांचजन्य के ताजम अंकों में पार्टी को यह हिदायत दी गई। आर्गेनाइजम्र में कहा गया है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में अगर ऐसे सहयोगी (जदयू) अलग होना चाहते हैं तो भाजपा को अपने बूते पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे में कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अगर होता है तो भी आत्मा खोने से बेहतर है चुनाव में अस्थाई हार का सामना करना। इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे 2014 के चुनाव पास आते जाएंगे, कांग्रेस और अन्य दलों का मोदी विरोधी अभियान तेज होता जाएगा। इससे विचलित नहीं होने की भाजपा को सलाह देते हुए कहा गया है कि मोदी को निशाना बनाने से हिंदू वोट भाजपा के पक्ष में संगठित होगा और इस वोट को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा को अलग से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा। लेख में भाजपा को भरोसा दिलाया गया है कि मोदी को निशाना बनाने से संप्रग के कथित कुशासन से पार्टी का प्रचार पटरी से नहीं उतरने पाएगा। इसमें कहा गया है कि भाजपा प्रचार के केंद्र में नरेंद्र मोदी जैसे नेता के आ जाने से चुनाव अभियान अपने आप विकास और भ्रष्टाचार मुक्त शासन पर केंद्रित हो जाएगा। इसमें कहा गया है कि मोदी के नाम पर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल अगर चुनाव प्रचार का साम्प्रदायिकरण करना चाहेंगे तो इससे भाजपा को लाभ ही मिलेगा। आर्गेनाइजम्र के लेख में भाजपा से सवाल किया गया है कि चुनाव में क्या मुसलमानों को लुभाने के लिए उसे किसी नरम छवि वाले नेता को पेश करने की आवश्यकता है अपने सवाल का खुद ही जवाब देते हुए इसमें कहा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू नेता की यह मुस्लिम केंद्रित मांग न सिर्फ दोषपूर्ण है बल्कि भाजपा को अलग-थलग करने और संघ को रक्षात्मक स्थिति में लाने का विश्वासघाती प्रयास है। इसमें कहा गया है कि अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश किए जाने के समय भी देश के किसी भी चुनाव क्षेत्र में मुसलमानों ने भाजपा के पक्ष में मतदान नहीं किया था। इसलिए मुसलमानों में भाजपा की स्वीकार्यता बनाने के नाम पर प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के बजाए किसी उदार चेहरे को उतारने के तर्क के कतई स्वीकार नहीं किया जाए। उधर, संघ के हिंदी मुखपत्र पांचजन्य के संपादकीय में प्रश्न किया गया है कि देश का प्रधानमंत्री सेकुलर हो, यह कहने का अर्थ क्या है...वोट की राजनीति ने हमारे समाज को बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक, सांप्रदायिक और सेकुलर आदि में विभाजित करके देश को जो नुकसान पंहुचाया है, उसे अब और भी गहराने की साजिश हो रही है। संपादकीय में सवाल किया गया है कि देश के बहुसंख्यक हिंदुओं के हितों की चिंता करने वाली सरकार और प्रधानमंत्री क्यों नहीं होना चाहिए।

डॉक्टरों ने माही को मृत घोषित किया

हरियाणा में मानेसर के समीप एक गांव में बचावकर्मियों ने 70 फुट गहरे बोरवेल से चार साल की बच्ची माही को मृत दशा में रविवार को बाहर निकाला। वह चार दिन पहले बोरवेल में गिर गयी थी। गुड़गांव के जिलाधिकारी पी सी मीणा ने कहा कि माही को बोरवेल से निकाल लिया गया है, लेकिन वह मृत थी। कल देर रात बचावकर्ताओं ने इस बोरवेल में 20 जून से फंसी माही तक पहुंचने के लिए अपने प्रयास के तहत चटटान में भी छेद किया था। यह चट्टान एक बहुत बड़ी बाधा थी और बचावकर्मी पिछले तीन दिन से उसे तोड़ने के लिए संघर्षरत थे। मानसेर के समीप खो गांव में माही 20 जून को अपने चौथे जन्म दिन पर दोस्तों के साथ खेल रही थी, उसी दौरान अचानक वह बोरवेल में गिर गयी। सेना, अग्निशमन विभाग, पुलिस, गुड़गांव रैपिड मेट्रोरेल, स्वास्थ्य और राजस्व विभागों के 100 से अधिक अधिकारी इस बोरवेल के समानांतर एक गड्डा खोदकर माही को बचाने में जुटे थे।

Monday 18 June 2012

राष्‍ट्रपति चुनाव : मेनका प्रणब के समर्थन में, बाल ठाकरे कल खोलेंगे पत्‍ते


नई दिल्‍ली. देश के नए राष्ट्रपति की उम्‍मीदवारी को लेकर भाजपा जोर का झटका धीरे से लगा है। एक ओर, जहां भाजपा सांसद मेनका गांधी प्रणब के समर्थन में उतर गई हैं तो दूसरी ओर, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे भी प्रणब के समर्थन में सामने आ सकते हैं। यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को शिवसेना का समर्थन हासिल करने के लिए फोन करके बाल ठाकरे से बात की। माना जा रहा है कि मंगलवार को ठाकरे शिवसेना की वर्षगांठ पर किसी को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं।शिवसेना भवन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति का चुनाव लडऩे के इच्छुक वरिष्ठ राकांपा नेता पी.ए. संगमा ने शिवसेना प्रमुख ठाकरे से मुलाकात का समय मांगा था। पर उन्हें मिलने का वक्त नहीं दिया गया। ठाकरे द्वारा संगमा को मुलाकात का वक्त न दिये जाने के बाद राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा शुरू हो गई है कि शिवसेना प्रणब मुखर्जी को समर्थन देगी। शिवसेना की ओर से ठाकरे और मुखर्जी के बीच हुई बातचीत का अधिकृत ब्यौरा तो नहीं दिया गया है, परंतु इतना जरूर बताया जा रहा है कि मुखर्जी ने ठाकरे को फोन करके समर्थन देने की अपील की है। 

वहीं, देश के नए राष्‍ट्रपति को लेकर भाजपा सांसद और गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी ने कहा है कि राष्‍ट्रपति का चयन आम सहमति से होना चाहिए। प्रणब मुखर्जी से मिलने के बाद मेनका गांधी ने कहा कि प्रणब अच्‍छे उम्‍मीदवार हैं।

दूसरी ओर, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सोमवार को साफ कर दिया कि वह राष्‍ट्रपति चुनाव नहीं लड़ेंगे। कलाम को चुनाव में उतरने के लिए बीजेपी के नेताओं ने खूब मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माने। बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने कलाम से फोन पर बात की लेकिन कलाम नहीं माने। आडवाणी के सलाहकार रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने भी कलाम से दो बार मुलाकात की। लेकिन कलाम के करीबियों ने उन्‍हें सलाह दी कि उनके पक्ष में चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोट नहीं हैं, ऐसे में चुनाव से दूर रहना ही बेहतर होगा। कलाम ने बयान जारी कर चुनाव नहीं लड़ने का अपना इरादा जाहिर किया। ममता को शक उधर, तृणमूल कांग्रेस राष्‍ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर चिंतित नहीं है। अब कलाम ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कि तो उम्‍मीद है कि ममता की पार्टी यूपीए और एनडीए से बराबर की दूरी बना सकती है। उधर, अपनी फेसबुक अपील को जोरदार समर्थन मिलने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक ओर गदगद हैं तो दूसरी ओर देश के सियासी हालात पर संदेह भी जताया है। 

ममता ने फेसबुक पर मिल रहे समर्थन के लिए रविवार को एक पोस्ट में लोगों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा, देश के लिए इस महान कार्य को इतने कम समय में जबर्दस्त प्रतिक्रिया देने के लिए आप सभी को धन्यवाद। मुझे विश्वास है कि यह एकजुट आवाज मुद्दे को अगले स्तर तक ले जाएगी। 

हालांकि ममता ने राजनीति में नैतिकता और सिद्धांतों के घटते स्‍तर पर दुख भी जताया है। उन्होंने लिखा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे महान देश में राजनीति संदेहजनक हो गई है और धन, सत्ता और घोटालों के इस्तेमाल से मूल्यों, जनहित के साथ समझौता किया गया है। 

राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि कुछ नेता जनता के सामने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की नकारात्‍मक छवि पेश करने के अभियान में जुट गए हैं। इनका दावा है कि ममता और जयललिता राष्‍ट्रपति चुनाव में एक साथ नहीं खड़ी हो सकती हैं क्‍योंकि 1998 में एनडीए की बैठक में एक बार ममता ने जया के खिलाफ ईडी और इनकम टैक्‍स के मुकदमों का मसला उठाया था। केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय ने तत्‍कालीन मानव संसाधन राज्‍य मंत्री ममता बनर्जी की ओर से लिखी गई एक चिट्ठी खोज निकाली है। इसमें ममता ने तत्‍कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से फेरा कानून के उल्‍लंघन का केस दर्ज करने की सिफारिश की थी। ये नेता इस कोशिश में भी जुटे हैं कि राष्‍ट्रपति चुनाव के अन्‍य उम्‍मीदवारों की रेस में शामिल पीए संगमा और अब्‍दुल कलाम की छवि खराब कर दी जाए।

Sunday 10 June 2012

सरकारी बंगलाः कुछ सचिन से भी सीखिए 'नेता जी'

नई दिल्ली।। महान क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद सचिन तेंडुलकर ने भले ही टैक्स अदा करने वाली जनता को ध्यान में रखते हुए सरकारी बंगला लेने से इनकार कर दिया हो, लेकिन ऐसे भी सांसद और मंत्री हैं जो इससे इत्तफाक नहीं रखते। देश के वित्त राज्यमंत्री का मामला लीजिए। बिशम्बरदास मार्ग पर उन्हें बंगला अलॉट किया गया था, लेकिन उस बंगले समेत कुछ बंगलों को तोड़कर सीपीडब्ल्यूडी ने सांसदों के लिए मल्टिस्टोरी फ्लैट बनाने की योजना तैयार की। मंत्री महोदय के लिए विकल्प के तौर पर नया बंगला बनाया गया और उन्हें सुपुर्द भी कर दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने कई महीने तक यह बंगला खाली नहीं किया, जिसकी वजह से निर्माण कार्य अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया। पिछले महीने मंत्री महोदय ने बंगला खाली किया तो सीपीडब्ल्यूडी ने राहत की सांस ली। कई नेताओं का निधन हो चुका है, बावजूद इसके उनके स्मारक के नाम पर बंगले पर कब्जा बना हुआ है। बंगलों को लेकर नेताओं में ही नहीं बल्कि ब्यूरोक्रेसी में भी खींचतान चलती रहती है। नेता और बंगला प्रेम - यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी नेता मायावती के दिल्ली में 4 सरकारी बंगले हैं - लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के 2 बंगलों पर विवाद सामने आया था। बाद में सरकार ने कहा कि एक बंगला सरकारी स्मारक बना दिया गया है। शबाना का बड़प्पन शबाना आजमी को भी बतौर राज्यसभा सांसद बंगला मिला था। अपने टर्म के आखिरी दिन आजमी बंगला खाली कर संसद सत्र में हिस्सा लेने गई थीं। उनका तर्क था कि जब वह सत्र से लौटेंगी तब सांसद नहीं रहेंगी। सांसदों के बंगले में सुविधाएं एरियाः 4000-7000 स्क्वेयर फुट बेडरूमः कम-से-कम 5 मेंटेंनसः 25 हजार से 30 हजार रुपये महीना फ्री (सालाना): 50 हजार यूनिट बिजली मुफ्त पानीः 40 हजार किलो लीटर फ्री लोकल कॉल्सः 50 हजार

कब्जे का ऐलान...10 हजार समर्थकों के साथ जय गुरु देव के आश्रम पर .....

मथुरा. कुछ दिनों पहले देह त्यागने वाले जय गुरु देव के मथुरा स्थित आश्रम में तनाव है। जय गुरु देव के शिष्य उमाकांत तिवारी आज अपने 10 हजार समर्थकों के साथ आश्रम पर कब्जा करने का ऐलान किया है। आश्रम में संभावित संघर्ष को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन 350 पुलिस वालों को आश्रम में तैनात कर दिया है। वहीं, शहर में धारा-144 लागू कर दी गई है। आश्रम के ट्रस्टी चरण सिंह ने उमाकांत तिवारी की आलोचना की है। जय गुरु देव की 12 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति इस पूरे विवाद की जड़ बताई जा रही है। दिवंगत जयगुरुदेव के ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राम प्रताप सिंह पर ट्रस्ट की संपत्ति के कागजात लूटने का आरोप लगा है। राम प्रताप सिंह पर लूटमार का मामला दर्ज कराया गया है वहीं राम प्रताप का कहना है कि उनपर झूठा आरोप लगाया गया है। बाबा जयगुरुदेव की ट्रस्ट के उत्तराधिकारियों की दौड़ में शामिल पंकज यादव पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। राम प्रताप सिंह ने कहा कि खुद को उत्तराधिकारी बताने वाले पंकज यादव तो ट्रस्ट के सदस्य भी नहीं है।

विकल्पों की सूची में सबसे ऊपर दादा

नई दिल्ली। नए राष्ट्रपति के लिए ज्यादातर संभावनाएं और समीकरण वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के नाम पर आकर सिमट जा रहे हैं। राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी होने में अब तीन दिन ही बचे हैं, लेकिन संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की बंद मुट्ठी के चलते किसी दूसरे नाम के विकल्प अभी भी खुले माने जा रहे हैं। संकेत हैं कि सोनिया 72 घंटों के भीतर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की घोषणा कर सकती हैं। 15 जून के आसपास संप्रग के सभी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का परचा भरवाया जाएगा। पिछले सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चयन का अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दिया था। तबसे कांग्रेस अध्यक्ष ने सहयोगी दलों से राय-मशविरा तेज कर दिया है। इस कड़ी में सोनिया ने द्रमुक सुप्रीमो एम. करुणानिधि से फोन पर बात की। कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल की इस बाबत तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर मंत्रणा हो चुकी है। शुक्रवार रात को अहमद पटेल ने नॉर्थ ब्लॉक जाकर प्रणब मुखर्जी से लंबी बातचीत भी की। वहां से लौटने के बाद पटेल सीधे दस जनपथ गए और फिर कांग्रेस अध्यक्ष के साथ करीब एक घंटे तक उनकी बैठक चली। सूत्रों के मुताबिक, सोनिया की कोशिश है कि राष्ट्रपति पद के संप्रग के उम्मीदवार के नामांकन के समय गठबंधन के सभी घटकों के प्रमुख नेता मौजूद रहें। वह इस नामांकन को संप्रग की एकजुटता के रूप में पेश करना चाहती हैं। राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर संप्रग से मुहर लगवाने के बाद कांग्रेस के मैनेजर राजग समेत दूसरे विपक्षी दलों के साथ सर्वसम्मति का प्रयास भी करेंगे। कांग्रेस के उच्चपदस्थ सूत्र मान रहे हैं कि मौजूदा हालात में संप्रग और उसके बाहर सबसे ज्याद सहमति प्रणब मुखर्जी के नाम पर ही बन सकती है। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी भी अंदर से भले न चाहती हों, लेकिन प्रणब के नाम का वह विरोध नहीं कर सकतीं। अभी सरकार में प्रणब की अनिवार्यता और दूसरे कुछ विषय उठाकर कांग्रेस में एक ताकतवर खेमा अभी भी उनकी दावेदारी पर सवाल उठा रहा है। इस सियासी असमंजस में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के भी रायसीना हिल्स पहुंचने की संभावनाएं पूरी तरह खारिज नहीं की जा रही हैं। शनिवार को कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा भी कि अभी राष्ट्रपति के लिए किसी का नाम तय नहीं हुआ है। इस पर चर्चा जारी है।

हीरो बनने को शक्ल और अक्ल जरूरी नहीं

नई दिल्ली। आमिर खान के शो सत्यमेव जयते में अब तक विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, ऑनर किलिंग, दहेज प्रथा पर चर्चा हो चुकी है। 13 कड़ियों वाले इस शो का छठा एपिसोड इस बार हीरोइज्म यानी हीरो बनने की तमन्ना रखने वाले करोड़ों लोगों को समर्पित होगा। प्रोमो में ही आमिर ने यह साफ कर दिया है कि हीरो बनने के लिए शक्ल और अक्ल की जरूरत नहीं होती। हालाकि यह स्पष्ट नहीं किया कि इसके लिए किस चीज की जरूरत होती है। अब यह तो एपिसोड देखने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। ज्ञात हो कि पिछले एपिसोड में ऑनर किलिंग का मुद्दा उठाने की वजह से आमिर को हरियाणा की खाप पंचायतों का विरोध झेलना पड़ रहा है। खाप पंचायतों ने शो पर प्रतिबंध लगाने की माग की है। पाचवें एपिसोड में आमिर ने जहा ऑनर किलिंग का शिकार हुए प्रेमियों के परिवार वालों से बात की वहीं खाप को भी बोलने का मौका दिया। बातचीत के दौरान आमिर ने आमंत्रित खाप सदस्यों से पूछा था कि आपके बनाए कानून बड़े है या फिर भारत सरकार के, जो हर बालिग को अपना जीवनसाथी चुनने का अधिकार देता है। अपने बचाव में खाप सदस्यों ने कहा था कि मीडिया उन्हें गलत तरीके से पेश कर रहा है। शो में हरियाणा की मेहम चौबिसी खाप को आमंत्रित किया गया था। खाप का पक्ष रखते हुए रणबीर सिंह ने कहा था कि इस तरह की शादियों का गलत परिणाम वैज्ञानिक तौर पर भी साबित हो चुका है।

Monday 4 June 2012

कुछ ऐसे अपना वो कर्ज चुका रही हैं सानिया मिर्जा

टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने पेस भूपति के साथ मिलकर फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर लिया। सानिया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उन्होंने शादी भले ही एक पाकिस्तानी से की है, लेकिन उनका दिल आज भी हिंदुस्तानी है। बड़े टूर्नामेंटों में अपने शानदार खेल से सानिया आज भी अपने देश के नमक का कर्ज चुका रही हैं।

विधायक पर गोली बरसाने वाले आरोपी गिरफ्तार

राजधानी दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में निर्दलीय (इनेलो)विधायक पर हमलावरों ने उनके दफ्तर के बाहर गोलियां बरसाई। आनन फानन में भरत को जनकपुरी के चंदन देवी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विधायक को तीन गोलियां लगी। गोलियों को शरीर से निकाल लिया गया है और डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत अभी खतरे से बाहर है। नजफगढ़ के विधायक भरत सिंह पर हमले के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये सारे आरोपी नजफगढ़ के ही रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक, भरत सिंह पर हमला आपसी रंजिश के चलते किया गया था। इस मामले में आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है।

सार्वजनिक बहस सनसनीखेज बनकर रह गई: पीएम

कोलकाता पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीयों में बढ़ रही असहिष्णुता के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि लगता है सार्वजनिक बहस सनसनीखेज बनकर रह गई है। साथ ही पीएम ने कहा कि मैं देख रहा हूं कि हाल के दिनों में वैचारिक मतभेद रखने वाले हमारे लोगों में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है जो प्रचलित मान्यता के विपरीत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता में सामाजिक सद्भाव को संरक्षित रखने और अलग-अलग विचार, पहचान और सांस्कृतिक मतभेदों को समाहित करके सुलह को बढ़ावा देने की समृद्ध परंपरा है। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय में भारतीय विज्ञान कांग्रेस समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं वैज्ञानिक समुदाय के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे मुखर हों और देश के सामने खड़े मुद्दों पर एक सूचनापरक और तर्कसंगत बहस खड़ी करने में प्रभावी योगदान दें। हमारे वैज्ञानिकों की आवाज महत्वपूर्ण है और उसे सुना जाना चाहिए। उन्होंने विज्ञान को विकास को गति देने के साधन के रूप में इस्तेमाल किए जाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य में विज्ञान पर बोझ बढ़ेगा।