Thursday 4 September 2014

जीवन का उद्देश्य

ढूंढ रहा हूँ अपने जीवन का उद्देश्य
जिस किसी से भी मिलता हूँ 
वह एक नया मार्ग बतलाता है 
उसे यह नहीं पता ,मंजिल कैसे पाया जाता है ,

अब तक सभी ने ,दौलत का महत्व बताया ,
दौलत के बल पर,शोहरत का रहस्य बताया ,
जीवन का वास्तविक उद्देश्य क्या है 
इस पर उनकी ख़ामोशी ,साफ बताता है 
नहीं पता इन्हे जीवन का क्या है उद्देश्य। 

अनगिनत लोगों से पुछ चुका हूँ 
जीवन का क्या हो उद्देश्य
कोई कहता ,परिवार ,कोई कहता प्रदेश 
कोई बतलाता राष्ट्र ,तो कोई बतलाता विदेश 

अकस्मात मेरे मन में ,यह ख्याल आया 
मैने कलम उठाया और लिख डाला 
यह सन्देश ,रोटी कपड़ा और माकन तो 
मिल जायेगा ,अपने कर्मो से 

शिक्षा -स्वास्थ-न्याय मिले सभी को 
यही हो तुम्हारे जीवन का उद्देश 
यही हो तुम्हारे जीवन का उद्देश 

                                                                                       ललित "सुमन "
                                            चीफ एडिटर "दैनिक इंडिया दर्पण "

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